श्रीभगवान फौगाट ने 2019 और 2020 में राज्य सरकार को भेजा था पत्र,उस पर आवश्यक कार्रवाई के आदेश
फौगाट ने मुख्य सचिव का जताया आभार,बोले देश में मनाया जा रहा है आजादी का अमृत महोत्सव, कार्रवाई हुई तो होगा सार्थक
न्यूज डेक्स संवाददाता
रेवाड़ी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना आजाद हिंद फौज के गुमनाम सिपाहियों का रिकार्ड परिजनों तक पहुंचाने के जनहित अनुरोध मांग पत्र पर हरियाणा के मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्त को पत्र क्रमांक 49/01/2019-2प्रो.दिनांक 17-09-2019 और 14-01-2020 के संदर्भ में निवेदन किया गया है कि प्रार्थी श्रीभगवान पुत्र स्वर्गीय श्री राम सिंह वासी भक्ति नगर जिला रेवाड़ी द्वारा इस कार्यालय को भेजी गई अभिलेखागार विभाग,भारत सरकार से प्राप्त आजाद हिंद फौज के गुमनाम सिपाहियों की सूची में से आपके जिला से संबंधित व्यक्ति अथवा परिजनों को सूचित कर दिया जाए की,यदि उनके पास आजाद हिंद फौज में होने से संबंधित कोई रिकार्ड हो तो आपके कार्यालय के माध्यम से सरकार को भिजवाएं,ताकि आगामी आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
श्रीभगवान फौगाट ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए उपरोक्त पत्र पर संतोष जाहिर करते हुए राज्य सरकार का आभार प्रकट किया है। फौगाट ने कहा कि राज्य सरकार का यह रवैया साकारात्मक है और इससे आजाद हिंद फौज के गुमनाम सिपाहियों को उनका सम्मान और अधिकार प्राप्त होगा। फौगाट ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से आजाद हिंद फौज के गुमनाम सिपाहियों को रिकार्ड की खोजबीन में जुटे हैं और अभी तक करीब 300 से गुमनाम सिपाहियों का रिकार्ड की पड़ताल कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि भारत देश आजादी का अमृत उत्सव मना रहा है। अगर केंद्र और राज्य सरकारें गुमनाम आजाद हिंद फौज के सिपाहियों के बलिदान और त्याग सम्मान करती है तो इससे ना केवल गुमनाम सिपाहियों और उनके परिजनों को सम्मान व हक प्राप्त होगा,बल्कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शिता से आजादी का जो अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, उसके प्रयास सार्थक सिद्ध होंगे और सही मायने में यह उन देश भक्तों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी,जिन्होंने राष्ट्र सेवा के लिए अपने जीवनकाल में कड़ा संघर्ष किया और इसी के परिणाम स्वरुप भारत गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होकर देश आजादी पर्व मना रहा है।
फौगाट ने मुख्य सचिव से यह भी अपील की है कि जिन स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को उनका हक नहीं मिला है और उनकी फाइलें जिला मुख्यालयों या मुख्य सचिव कार्यालयों में पहुंच चुकी हैं,उन पर प्राथमिकता के साथ गौर करके स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को उनका हक दिया जाए,क्योंकि इनमें इस तरह के भी कई केस हैं,जिन्हें ना तो दूसरे राज्यों की तरह द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिक होने का लाभ मिल रहा है और ना ही ब्रिटिश आर्मी से बगावत कर आजाद हिंद फौज में शामिल होने के बावजूद उन्हें स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जा रहा है। फौगाट ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत ने ब्रिटिश सेना से बगावत कर आईएनए में शामिल हुए सैनिकों को उनके अधिकारों से वंचित करने के कारण उनका काफी रिकार्ड बर्बाद कर दिया था। यही कारण है कि नेताजी की सेना में जितने सैनिक थे,उससे बहुत कम सैनिकों को आईएनए के सैनिक का दर्जा प्राप्त है।