कौन देगा नौकरी व कहाँ मिलेगा दाखिला-छाए अनिश्चितता के बादल
शिक्षा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग-न्याय नहीं मिला तो करेंगे आंदोलन, फूंकेंगे पुतले
न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद।हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित ओपन शिक्षा के 12वीं कक्षा के घोषित परीक्षा परिणाम के बाद प्रदेश के 48 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। इन्हें किस संस्थान में आगामी कक्षा में दाखिला मिलेगा या कहाँ ये नौकरी कर पाएंगे? एक अनिश्चितता का माहौल बन गया है। इन विद्यार्थियों को आगे कुआं व पीछे खाई नजर आ रही है।बीते सप्ताह ही ओपन स्कूल शिक्षा के लिए इस वर्ष का परीक्षा परिणाम हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी ने घोषित किया है। जिसमें सभी विद्यार्थियों को 34 प्रतिशत अंक देकर पास कर दिया गया है।याद रहे इस वर्ष भी कोरोना महामारी के कारण सरकार के आदेशों के चलते परीक्षा नहीं ली गई। परीक्षा परिणाम जारी करने से पहले शिक्षा बोर्ड ने यह घोषणा की थी कि 12वीं ओपन कक्षा का परिणाम दसवीं कक्षा में मिले अंकों के आधार पर जारी किया जाएगा। नियमित परीक्षा देने वाले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए भी यही तरीका अपनाया गया।
5 अगस्त को हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ओपन का परीक्षा परिणाम देखकर विद्यार्थियों ने अपना माथा पीट लिया। एक-दो नहीं बल्कि सभी 48 हजार विद्यार्थियों को 34-34 प्रतिशत अंक देकर पास तो कर दिया, मगर उनके लिए अनिश्चितता का माहौल छोड़ दिया। शिक्षा बोर्ड ने न तो उनके असेसमेंट और न ही प्रैक्टिकल के नंबर लगाए हैं। न ही पूरी तरह से यह जांच की गई कि संबंधित विद्यार्थी ने दसवीं कक्षा में कितने प्रतिशत अंक प्राप्त किये हुए हैं। अनेकों उदाहरण है कि दसवीं कक्षा में 96 प्रतिशत अंक लेने वाले विद्यार्थी को भी 35 प्रतिशत अंक लेने वाले विद्यार्थी के समान 34 प्रतिशत अंक ही दिए गए हैं।-आखिर असेसमेंट व प्रैक्टिकल के अंक किसकी जिम्मेवारी-शिक्षा बोर्ड के चैयरमैन डॉ जगबीर सिंह का इस मामले में कहना है कि उनके पास एससमेन्ट व प्रैक्टिकल के नंबर लगकर ही नहीं आये हैं। हने तो 27 जमा 7 नंबर लगाकर कुल 34 प्रतिशत के साथ सभी 48 हजार विद्यार्थियों को पास कर दिया है।
असेसमेंट और प्रैक्टिकल के नंबर लगाने की किसकी जिम्मेदारी थी, इस पर वे चुप्पी साध रहे हैं। बस इतना ही कह रहे हैं कि जिसे भी बोर्ड द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम पर ऐतराज है वह 18 अगस्त से शुरू हो रही परीक्षा में दोबारा बैठ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक एक भी विद्यार्थी ने दोबारा से परीक्षा में बैठने की सहमति या आवेदन नहीं किया है। ऐतराज उठाने वालों को मीडिया में न जाकर परीक्षा में दोबारा से बैठना चाहिए।इस मामले के संबंधित विद्यार्थियों अजय, अंकित व रंजीत आदि ने इसे भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। इतने कम नंबर होने के कारण विद्यार्थियों को किसी कॉलेज में भी एडमिशन नहीं मिलेगा, वह अपनी आगे की पढ़ाई कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि भिवानी बोर्ड द्वारा नोटिस जारी करने के बावजूद कि दसवीं के आधार पर सभी विद्यार्थियों को पास किया जाएगा। भिवानी बोर्ड भी अपनी जुबान पर खरा नहीं उतरा है। उन्होंने मांग की कि जिस प्रकार 12वीं के रेगुलर स्टूडेंट का 10वीं व 11वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी किया गया है, ठीक उसी प्रकार से दसवीं के आधार पर 12वीं ओपन बोर्ड का परिणाम भी जारी करना चाहिए।
उन्होंने प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल से हस्तक्षेप की मांग की है। परीक्षा परिणाम से पीड़ित इन विद्यार्थियों ने चेतावनी भी दी कि यदि भिवानी शिक्षा बोर्ड ने सुनवाई नहीं की तो सभी 48000 स्टूडेंट मजबूरन सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे और पूरे हरियाणा में शिक्षा मंत्री के पुतला फूंकेंगे। मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को भी ज्ञापन भेजे जाएंगे।-मजबूरीवश देते हैं ओपन बोर्ड की परीक्षा–आमतौर पर देखा जाता है कि स्कूल ओपन की वही विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए आवेदन करता है, जो पिछले सालों में फेल हो रहा हो या फिर कामकाजी हो। घर-परिवार का पेट पालने के चक्कर में भी विद्यार्थी को भी नियमित पढ़ाई का समय नहीं मिलता वह आगे बढ़ने के लिए ओपन परीक्षा जैसा रास्ता अपनाता है। इस बार भी लगभग सभी स्टूडेंट किसी न किसी मजबूरी में ओपन परीक्षा देने के लिए फार्म भर बैठे। कोरोना महामारी के कारण परीक्षा नहीं हुई, मगर परीक्षा परिणाम घोषित कर शिक्षा बोर्ड ने 34 प्रतिशत अंक प्रतिशत अंक देकर उन्हें कहीं का न छोड़ा। साल खराब हुआ सो अलग से।