सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नशामुक्त भारत योजना के तहत बनाई है सूची
न्यूज डेक्स संवाददाता कुरुक्षेत्र,31अगस्त।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में धर्मनगरी कुरुक्षेत्र का नाम देश के उन चुनिंदा जिलों में आना जहां नशे की प्रवृति बहुत अधिक बढ़ी है,उसे पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में नशे का कारोबार दिन प्रतिदिन फलफूल रहा है,जिसकी पुष्टि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशा मुक्त भारत योजना के तहत बनाई सूची में हो रही है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जिन जिलों की सूची जारी की है,उनमें कुरुक्षेत्र भी शामिल है और नशे के कारोबार के चलते दो दिन पहले हत्या और हाफ मर्डर केस भी सर्वे रिपोर्ट पर मोहर लगा रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र के इन हालातों को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र गीता की जन्मस्थली और प्राचीन तीर्थ होने के कारण देश-दुनिया में विख्यात है और सरकार ने इस जिला के दो शहरों थानेसर और पिहोवा के नगर परिषद और पालिका क्षेत्र को होली सिटी के चलते मांस-मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद भारत सरकार की सूची में नशे की प्रवृति में बढ़ौतरी होना इस बात को पुख्ता कर रहे रहे हैं कि कुरुक्षेत्र जिला में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने और फलने फूलने से रोकने में सरकार और पुलिस प्रशासन नाकारा हैं।
उन्होंने कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में शराब के अनगिनत खुर्दे खुले हुए और सूखे नशे का कारोबार पांव जमा चुका है। हमारी युवा पीढ़ी और इसकी चपेट में आ चुकी है,अगर समय रहते इस तरह अवैध कारोबार पर नकेल नहीं डाली गई तो युवा पीढ़ी तबाह हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे इस तरह के बढ़ते कारोबार के चलते ही धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का शांतिप्रिय माहौल,अशांति में बदल रहा है,आए दिन फायरिंग,चालू,हथियार चलने की और खून खराबे की घटनाएं गैंगवार के चलते सामने आ रही हैं। आठ माह के भीतर दो कुरुक्षेत्र शहर के एक ही एरिया में दो मर्डर हो चुके हैं।उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में जगह जगह नशे की सप्लाई के साथ होम डिलीवरी हो रही है।
अरोड़ा ने कहा कि हालात यहां तक खराब है कि ब्रह्मसरोवर,सन्निहित सरोवर,ज्योतिसर और अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास नशे की अवैध दुकानें गुपचुप ढंग से चल रही हैं। इसकी वजह से यहां आये दिन होने वाले हुडदंग की वजह से श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी ठेस पहुंच रही है। अरोड़ा ने कहा कि अगर सरकार या पुलिस प्रशासन ने इस अवैध कारोबार पर नकेल नहीं डाली और ऐसे अपराधों पर अंकुश नहीं लगाया तो मजबूरन आंदोलन पर उतारू होना पड़ेगा।अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र को लेकर आए दिन यह दावे घोषणाएं की जाती है कि कुरुक्षेत्र को विश्वमानचित्र पर लाया जाएगा,कुरुक्षेत्र ऐसा बनाया जाएगा,वैसा बनाया जाएगा,जबकि प्रदेश में बैठी भाजपा की अपनी ही केंद्र सरकार के मंत्रालय यह स्थिति साफ कर रहा है कि धर्मनगरी के पवित्र माहौल के बीच नशे की प्रवृति कैसे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि विकास कैसे हो रहा है? ये क्षेत्र की जनता के सामने है और नशा और अपराध से कुरुक्षेत्र का वातावरण कैसा बन रहा है? ये भी जनता के सामने है। अरोड़ा ने बताया कि पिछले दिनों भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 की भी रिपोर्ट आई थी। उसमें भी शर्मनाक स्थिति ये थी कि स्वच्छता के मामने में एक लाख 10 लाख की आबादी वाले शहरों में धर्मनगरी की नगर परिषद पूरे प्रांत में नीचे से दूसरे दर्जे पर थी। ्