न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। शुक्रवार को श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में महर्षि चरक जयंती धूमधाम से मनाई गई। कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने आयुर्वेद के महान ज्ञाता महर्षि चरक की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में वेध विपिन तंवर मौजूद रहे। मंच का संचालन डॉ. राजेंद्र सिंह ने किया। विद्यार्थियों ने महर्षि चरक और चरक संहिता पर अपने विचार सांझा किये। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों व कर्मचारियों को मिठाई बांटी गई। इस अवसर पर विकास शर्मा, अतुल गोयल, एस. एन शर्मा, आलोक नाथ, अशोक गौड़, राहुल अन्य कर्मचारी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने विश्वविद्यालय के स्टाफ व विद्यार्थियों को चरक जयंती की शुभकामनाएं देते हुए महर्षि चरक के चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि चरक संहिता में व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखने एवं रोगी की चिकित्सा दोनों का ही वर्णन किया गया है। चरक संहिता को सौ बार पढ़ने पर नया ज्ञान मिलता है। चरक संहिता में महर्षि चरक ने अष्टांग आयुर्वेद का वर्णन किया है। मगर काय चिकित्सा के क्षेत्र में यह ग्रन्थ अतुलनीय है।
यदि मनुष्य चरक संहिता में वर्णित दिनचर्या, ऋतुचर्या एवं सदाचार के नियमों का पालन करता है तो वह स्वस्थ रह सकता है। महर्षि चरक ने संहिता में चिकित्सा विज्ञान का सारा समेटा हुआ है। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी महर्षि चरक के जीवन व चरक संहिता में वर्णित चिकित्सा विज्ञान के बारे में अपने विचार साझा किये। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों व कर्मचारियों को मिठाई बांटी गई।