Friday, November 22, 2024
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प. विजय शंकर मेहता की चौथे दिन की अग्र भागवत कथा

by Newz Dex
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जीवन प्रबंधन में गृहस्थ जीवन महत्व पूर्ण है : प. विजय शंकर मेहता 

चौथे कथा में पहुंची अनेक महत्वपूर्ण हस्तियां 

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में संत महापुरुषों की मौजूदगी में पहली बार अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन कुरुक्षेत्र द्वारा आयोजित श्री अग्र भागवत कथा में श्रद्धालु बड़े उत्साह के श्रवण रहे हैं। महाराजा अग्रसेन के जीवन के घटनाक्रमों का कथा में चौथे दिन एडिशन सैशन जज नरेश कुमार सिंगला, पंचकूला के मेयर एवं प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण गोयल भी पहुंचे। कथा के चौथे दिन व्यासपीठ पर भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत बंसी पुरी, शाहबाद के एस.डी.एम. कपिल शर्मा, डी.एस.पी. जेल रेशम सिंह तथा स्वामी हरि ओम परिव्राजक ने पूजन कर माल्यार्पण किया। इस मौके पर अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया। संस्था के राष्ट्रीय संगठन मंत्री खरैती लाल सिंगला, जिला अध्यक्ष अजय गोयल, महेंद्र सिंगला एवं डा. अनूप सिंगला ने डा. पवन गोयल, विनोद सिंगला, डा. नेहा जैन, हरीश गुप्ता, नीरज अग्रवाल, मयंक गुप्ता, भारत भूषण सिंगला, नरेश अग्रवाल, विजय अग्रवाल, राम निवास बंसल, शुभम बंसल इत्यादि को सम्मानित किया।

व्यासपीठ पर विराजमान पं. विजय शंकर मेहता ने कथा में जीवन प्रबंधन के सूत्र बताए और चौथे दिन कथा में कहाकि अक्सर लक्ष्मी की प्राप्ति होने पर लोग उसे गलत कार्यों में खर्च करने लगते हैं यह बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा किया गया तो निश्चित रूप से लक्ष्मी किसी दूसरे व्यक्ति के पास चली जाती है। चौथे दिन महाराजा अग्रसेन के गृहस्थ जीवन पर चर्चा की।  जीवन प्रबंधन में गृहस्थ जीवन महत्व पूर्ण है। गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाते हुए कहा कि गजेंद्र अपने परिवार के साथ सरोवर में नहाने के लिए गया था इसी दौरान विशालकाय मगर गजेंद्र का पैर पकड़कर पानी के भीतर खींचने लगता है। गजेंद्र अपने परिजनों को आवाज देता है और सभी गजेंद्र को बाहर खींचने का प्रयास करते हैं लेकिन जब असफल हो जाते हैं तो वह गजेंद्र को छोड़ देते हैं। ऐसे में गजेंद्र ईश्वर की आराधना करता है और प्रभु हरी अवतार लेकर गजेंद्र को मोक्ष प्रदान करते हैं।

पं. मेहता ने कहा कि जो आया है वही साथ जाएगा। पं. विजय शंकर मेहता ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब भी कोई बड़ा काम करना होता है तो उसमें बाधा आती है। इसलिए यदि आप शत्रुओं को मित्र बनाकर कार्य करना प्रारंभ करेंगे तो बाधाएं निश्चित रूप से खत्म हो जाएगी। पं. मेहता ने समुद्र मंथन का शानदान दृष्टांत सुनाया। कथा में आकाश गुप्ता, गोरांग सिंगला,अविरल जयसवाल, संदीप यादव, संतोष गुप्ता, भावना गुप्ता, कमलेश बंसल, स्वीटी गुप्ता, शोभा बसंल, उर्मिल सिंगला, उर्मिल अग्रवाल, शशि बाला गर्ग, शशि गोयल, सुषमा मंगला, मीना गुप्ता, शिल्पी गुप्ता, सुमीता मंगला, पुष्पा गर्ग इत्यादि मौजूद थे।

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