बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच व एनआईडी की निदेशिका विनिता आहुजा ने किया साईटस का निरीक्षण
एनआईडी बिलासपुर के आजाद आश्रम का भी करेगी डिजाईन तैयार
न्यूज डेक्स संवाददाता
पिहोवा/कुरुक्षेत्र। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि पिहोवा अरुणाय रोड़ पर सरस्वती फ्रंट के रुप में एक विरासत की तलाशा गया और इससे थोड़ी ही दुर अरुणाय के पास वरुणा, अरुणा और सरस्वती नदी के संगम स्थल को देखा गया। अब इन स्थलों को पर्यटन और धार्मिक स्थल के रुप में विकसित करने के लिए राष्टï्रीय डिजाईन संस्थान (एनआईडी) कुरुक्षेत्र द्वारा डिजाईन तैयार किया जाएगा। बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने वीरवार को पिहोवा सरस्वती रिवर फ्रंट और संगम साईटस पर अधिकारियों को कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इससे पहले बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच और एनआईडी की निदेशिका विनिता आहुजा ने पिहोवा में सरस्वती रिवर फ्रंट और अरुणाय में वरुणा, अरुणा और सरस्वती नदी के संगम स्थल का निरीक्षण किया और इन स्थलों को पर्यटन व धार्मिक स्थल के रुप में विकसित करने की सम्भावनाओं पर चर्चा की और साईटस के हर पहलु को विकसित करने के नजरिए से बारीकि से अवलोकन भी किया। बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह ने कहा कि हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की टीम ने कुछ समय पहले पिहोवा अरुणाय गांव के पास सरस्वती नदी के होने से सम्बन्धित कई ऐतिहासिक तथ्यों को देखा और इसके साथ ही अरुणाय गांव के पास अरुणा, वरुणा और सरस्वती नदी के संगम स्थल को भी देखा।
इन स्थलों के उपरांत वेदों, ग्रंथों में भी इन स्थलों के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि हजारों वर्ष पुराने इन ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन और धार्मिक स्थल के रुप में विकसित करने की योजना पर हरियाण सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड ने कार्य को आगे बढ़ाया। इसके लिए बकायदा बोर्ड के चेयरमैन मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी चर्चा की गई। इसके साथ ही इतिहास के जानकारों और तकनीकी विशेषज्ञों से भी सलाह ली गई। इन ऐतिहासिक स्थलों को जैसे ही विकसित करने के तथ्य सामने आए तो कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय डिजाईन संस्थान की निदेशिका विनिता आहुजा ने भी बोर्ड का सहयोग करने के लिए आगे कदम बढ़ाया। एनआईडी ने इन पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए डिजाईन तैयार करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
इस प्रस्ताव के अनुसार पिहोवा के सरस्वती स्थल को रिवर फ्रंट के रुप में विकसित करने पर लम्बी चर्चा हुई और एनआईडी का इसका डिजाईन तैयार करेगा। बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि पिहोवा के संगम स्थल को भी भव्य पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने के साथ-साथ लोगों की धार्मिक भावनाओं को जहन में रखकर संगम स्थल का डिजाईन एनआईडी द्वारा तैयार किया जाएगा। इस राष्ट्रीय संस्थान ने बिलासपुर में आजाद आश्रम को भी विकसित करने के लिए डिजाईन तैयार करने की रुपरेखा पर काम करना शुरु कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन स्थलों को लेकर शीघ्र ही एनआईडी द्वारा तैयार किया जाएगा। इस डिजाईन को तकनीकी विशेषज्ञों के अप्रूवल के बाद अंतिम अनुमति के लिए डिजाईन को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष रखा जाएगा।