ओलम्पियन सुरेंद्र कुमार पालड़ का पैतृक गांव बराना में हुआ भव्य स्वागत
रोड से गांव तक जगह-जगह पुष्प वर्षा कर हुआ जोरदार स्वागत
ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ ने गांव में की पूजा अर्चना
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। भारतीय हॉकी टीम के सदस्य और ओलम्पिक टोक्यो के कांस्य पदक विजेता सुरेन्द्र कुमार पालड़ ने कहा कि अब पेरिस में होने वाले ओलम्पिक में मैडल जीतने की तैयारी जी जान से करनी है। इस ओलम्पिक के लिए रुप रेखा तैयार करनी की कार्रवाई शुरु कर दी गई है। इस बार पूरी तैयारी के साथ देश के लिए खेलना है और मैडल जीतकर आना है। ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ जीटी रोड पर स्थित अपने पैतृक गांव बराना में ग्रामीणों द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ का कांस्य पदक जीतने पर पहली बार गांव पहुंचने पर जीटी रोड़ पर ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया। यहां से रोड़ शो के जरिए ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार को गांव तक लाया गया।
इस दौरान ग्रामीणों ने जगह-जगह ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ का पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत किया। ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार जैसे ही गांव पहुंचे, परिवार के साथ-साथ गांव की अन्य महिलाओं ने परम्परागत गीत गाकर और नृत्य करके अपनी खुशी का इजहार किया। ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ ने स्वागत समारोह के बाद गांव में देवी-देवताओं की पूजा की और अगले ओलम्पिक में अच्छे खेल का प्रदर्शन करने की कामना भी की है। इसके बाद गांव मे समाज की चौपाल में आयोजित कार्यक्रम में समाज के साथ-साथ गांव के गणमान्य लोगों ने ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़, पिता मलखान सिंह, माता नीलम देवी, भाई नरेन्द्र कुमार काला का पगड़ी पहनाकर और पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
इस दौरान बोलते हुए ओलम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ ने कहा कि द्रोणाचार्य स्टेडियम की मिट्टी में खेलकर एक संकल्प लिया कि इस मिट्टी में मेहनत करके एक दिन जरूर देश के लिए मेडल हासिल करेंगे। इन 17 सालों की मेहनत और गुरू गुरविन्द्र सिंह के आशीर्वाद से देश के लिए मेडल जीत कर लाए है। यह मेडल अपने लिए नहीं देश के लिए हासिल किया है। इतना ही नहीं उनका सपना पेरिस ओलम्पिक-2024 में गोल्ड मेडल जीतकर पूरा करने का प्रयास करेंगे। ओ
लम्पियन सुरेन्द्र कुमार पालड़ ने भव्य स्वागत करने पर ग्रामीणों व समाज के गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कांस्य पदक देश को समर्पित है। इस पदक को देश के लिए जीता है। इस ओलम्पिक में भारतीय हॉकी टीम को गोल्ड मेडल की पूरी आशा थी लेकिन टीम को कांस्य पदक मिला है। उन्होंने कहा कि उनके गुरू गुरविन्द्र सिंह से हॉकी सीखने के बाद इस मुकाम तक पहुंचे है और उनका कभी कर्ज नहीं उतार पाएंगे। इसके साथ ही पिता मल्खान सिंह, माता नीलम देवी, भाई नरेन्द्र कुमार काला सहित साथियों का हमेशा सहयोग रहा है। इन सभी के सहयोग से निश्चित ही देश के लिए पेरिस ओलम्पिक में गोल्ड जीत कर लाएंगे।