यूनिक आईडी के माध्यम से आपदा के समय में श्रमिकों की मदद करने में होगी आसानी
वर्ग के हिसाब से रोजगार के अवसर भी किए जा सकेंगे सृजित
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर अब देशभर के असंगठित श्रमिकों के यूनिक आईडी कार्ड बनाए जाएंगे। इस कार्यक्रम को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय 25 को लांच करेगा। मंत्रालय के अनुसार देशभर में 43.7 करोड़ असंगठित वर्कर विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे है। अब इनका कार्य के अनुसार विभाजन कर खाका तैयार किया जाएगा ताकि इनके उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें क्रियान्वित किया जा सके। कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जिला मैनेजर मोहित शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि जिला कुरुक्षेत्र में हजारों असंगठित श्रमिक है, जिनका पंजीकरण किया जाना है। सभी का पंजीकरण नि:शुल्क होगा और इसके लिए सरकार नागरिक सुविधा केन्द्र के वीएलई को 20 रुपए प्रति कार्ड देगी।
हालांकि यदि इस यूनिक आईडी कार्ड में आवेदक बाद में अपडेट करवाता है तो उसके 20 रुपए उसे स्वयं वहन करने होंगे। उन्होंने कहा कि इस यूनिक आईडी कार्ड के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड नम्बर, बैंक खाता और मोबाईल नम्बर होना अनिवार्य है। इस यूनिक आईडी के लिए आवेदक की उम्र 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक का पीएफ और ईएसआई खाता नहीं होना चाहिए तथा आवेदक किसी भी संगठित समूह या संस्था का सदस्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस यूनिक आईडी के बनने से इन असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ मिल जाएगा।
इसका एक साल का खर्च भी खुद सरकार ही वहन करेगी। असंगठित श्रमिक किस वर्ग से है का खाका तैयार करने के बाद सामाजिक सुरक्षा योजनाएं जो कि मंत्रालय और सरकार ने चलाई है, उन्हें आसानी से क्रियान्वित कर इनके लिए बजट का का प्रावधान किया जा सकेगा, श्रमिकों की गतिविधियों और वह किस राज्य से किस राज्य में आ जा रहे है, को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा, आपदा के समय इन असंगठित श्रमिकों तक आसानी से मदद पहुंचाई जा सकेगी, जैसे कोरोना काल में इन्हे इनके घर तक पहुंचाना, खाने व राशन की व्यवस्था करना इत्यादि। रोजगार के अवसर भी इनके लिए वर्ग के हिसाब से सरकार सृजित कर सकेगी, साथ ही यदि कहीं किसी विशेष वर्ग के मजदूरों की जरुरत होगी तो इसी यूनिक आईडी के माध्यम से इन लोगों को सूचित किया जा सकेगा।
किन-किन असंगठित श्रमिकों का होगा पंजीकरणसीएससी जिला मैनेजर मोहित शर्मा ने कहा कि इस यूनिक आईडी के लिए छोटे किसान, कृषि क्षेत्र में लगे मजदूर, पशुपालक, मछली विक्रेता, मोची, ईंट भट्ठों पर काम करने वाले, घरों में काम करने वाले, रेहड़ी-फड़ी वाले, न्यूज पेपर वेंडर, कारपेंटर, प्लंबर, रिक्शा व आटो रिक्शा चालक, मनरेगा वर्कर, दूध विक्रेता, स्थानातंरित लेबर, नाई, आशा वर्कर, चाय विक्रेता व ऐसे मजदूर जो कि किसी संगठन के साथ जुड़े सभी यूनिक आईडी बनवा सकते है।