अब कुरुक्षेत्र सन्निहित सरोवर में लगेगा वामन द्वादशी मेला
16 व 17 सितम्बर को केडीबी के सहयोग से धार्मिक संस्थाओं द्वारा किया जाएगा आयोजन
मेला के लिए गठित की आयोजन कमेटी व मार्गदर्शन मंडल
16 सितम्बर को हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय करेंगे मेले का शुभारंभ
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि कुरुक्षेत्र का धार्मिक एवं सांस्कृतिक गौरव फिर से पूरा विश्व देखेंगा। इसके लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सहयोग से सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं मिलकर सालों पुरानी परपंरा का निर्वाह करेंगी और इस धरा पर लगने वाले सभी मेलों का आयोजन फिर शुरु करने का काम किया जाएगा। इस कड़ी के तहत करीब 25 साल पहले सन्निहित सरोवर पर बंद हो चुके वामन द्वादशी मेले का आयोजन फिर से किया जा रहा है। इस वर्ष कोविड-19 को देखते हुए छोटे स्तर पर सन्निहित सरोवर 16 व 17 सितंबर को आयोजित किया जाएगा।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद रविवार को केडीबी के सभागार में शहर की 60 से ज्यादा धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए और धार्मिक सस्थाओं के प्रतिनिधि में श्री ब्रहामण एïवं तीर्थोद्घार सभा के सरंक्षक जय नारायण शर्मा, यशपाल अवस्थी सहित अन्य लोगों ने तीर्थो के उद्घार और शहर में पौधारोपण सहित अन्य कार्य करने के लिए सुझाव दिए। इस दौरान केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने वामन द्वादशी मेला के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला कहा कि करीब 25 वर्ष पूर्व सन्निहित सरोवर पर लगने वाला वामन द्वादशी मेला बंद हो चुका है और इस मेले का आयोजन अंबाला में चल रहा है तथा लाडवा, कुरुक्षेत्र व जगाधरी में होता रहा है। अब फिर इस पंरपंरा को शुरु किया जा रहा है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि वामण पुराण में कुरुक्षेत्र 48 कोस के इतिहास व धार्मिक महत्ता के बारे में उल्लेख किया गया है। इस पुराण में कुरुक्षेत्र में लगने वाले मेलों सहित अन्य धार्मिक व सांस्कृतिक पहलुओं का उल्लेख पाया जाता है। पिछले कई सालों से कुरुक्षेत्र के धार्मिक व सांस्कृतिक महत्ता वाले कार्यक्रमों को भुला दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब दौबारा कुरुक्षेत्र के मेलों सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करने का मन बनाया गया है। इन कार्यक्रमों का आयोजन केडीबी के सहयोग से सभी संस्थाओं द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी के सुझाव पर अब 16 व 17 सितंबर को सन्निहित सरोवर पर कोविड-19 को जहन में रखते हुए छोटे स्तर पर वामन द्वादशी मेले का आयोजन किया जाएगा।
इस मेले का शुभारंभ हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय द्वारा किया जाएगा। इस मेले के आयोजन के लिए आयोजन समिति तथा मार्गदर्शन मंडल का गठन कर दिया गया है। पहले दिन 16 सितंबर को पूजन के बाद 17 सितंबर को नगर में शोभा यात्रा निकाली जाएगी और अन्य परम्पराओं को पूरा किया जाएगा। आने वाले समय इस मेले का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाएगा जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, दंगल, स्टाल सहित अन्य कार्यक्रम किए जाएंगें। इस प्रकार के कार्यक्रमों से कुरुक्षेत्र का गौरव फिर से लौटेगा। मंहत बंसीपुरी महाराज ने कहा कि केवल वामन पुराण में ही कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर लगने वाले मेलों सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के बारे में उल्लेख किया गया है। भगवान वामन का कुरुक्षेत्र से विशेष संबध रहा है। इसलिए कुरुक्षेत्र के इतिहास व धार्मिक महत्ता को बनाए रखने के लिए परम्परा का निर्वाह करना जरूरी है। इस मौके पर हरिओम परिव्राजक, निर्मल अखाड़ा के महंत, महंत चिंरजीपुरी महाराज, अनुप गिरी, केडीबी सदस्य राजेश शांडिल्य, विजय नरुला, उपेद्र सिंघल, भलेराम श्योंकद, नरेंद्र निंदी, पवन शर्मा, प्रदीप झाम्ब, धीरज गुलाटी, राजेश सिंगला सहित करीब 60 संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।