न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कोरोना महामारी से कुछ राहत मिलने के बाद धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर मंदिरों से लेकर घरों तक श्रद्धालुओं की खूब धूम रही। पूरा दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी । भगवान श्री कृष्ण के मुखारविंद से उत्पन्न हुई गीता के कर्म के संदेश की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी आस्था के साथ मनाई गई। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाने वाला जन्माष्टमी का पर्व जयराम विद्यापीठ में बेहद ही विशेष होता है।
जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला के अनुसार श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के निर्देशानुसार विद्यापीठ के सेवकों द्वारा मंदिरों दर्शन करने व पूजन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंधों के साथ अन्य सावधानियां रखने का भी विशेष ध्यान रखा है। मंदिरों में अधिक भीड़ जमा नहीं होने दी गई। रोहित कौशिक के अनुसार जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के अवतार के रूप में करीब 5000 साल पहले धरती पर जन्म लिया था। पंचांग गणना के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था।