जूलोजी विभाग के पूर्व छात्र रह चुके हैं कुलपति, निदेशक, आईएएस, आईएफएस एवं विभागों के प्रमुख
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का जूलॉजी विभाग सबसे पुराने और अग्रणी विभाग में से एक है। विभाग डीएसटी एफआईएसटी व यूजीसी सेप द्वारा प्रायोजित है। जूलोजी विभाग की स्थापना 1967 में हुई थी और अब तक सफलतापूर्वक जूलॉजी के 54 बैच पूरे हो चुके हैं। विभागाध्यक्षा डॉ. अनिता भटनागर ने बताया कि जूलोजी साइंस के हरेक फील्ड की अपनी करियर संभावनाएं हैं। जूलॉजी भी एक ऐसा विषय है, जो बेहतरीन करियर के अवसर उपलब्ध करवाता है, साथ ही प्रकृति से जुड़ने व उसके संरक्षण में अहम भूमिका निभाने का मौका देता है। जंतुओं के अध्ययन से जुड़े इस विषय में पढ़ाई व रिसर्च के लिए अच्छा स्कोप है।
डॉ. अनिता भटनागर ने बताया कि जूलॉजी एक विस्तृत विषय है, जो प्रकृति की गोद में पलने वाले जीव जगत के सभी पहलुओं की पड़ताल करता है। यह जीव-जंतुओं के उद्भव और विकास की प्रक्रिया, उनकी संरचना, व्यवहार, क्रिया-कलापों और मानव के लाभ के लिए उनके विभिन्न उपयोगों का अध्ययन करता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुवि का जूलोजी विभाग दो एमएससी के पाठ्यक्रम चला रहा हैः जूलॉजी में एमएससी और एमएससी फॉरेंसिक साइंसेज। इसके अलावा पीएचडी में अब तक विभाग से 161 से अधिक विद्वानों ने शोध उपाधि प्राप्त की है और 25 शोधार्थी वर्तमान में पीएचडी कर रहे हैं।
विभाग के शिक्षकों के भारत के प्रतिष्ठित और विदेश में ख्याति प्राप्त अनुसंधान संस्थानों के साथ संपर्क हैं। विभाग के बहुत से शिक्षकों ने संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, जापान, रूस, ऑस्ट्रेलिया और यूके की विभिन्न एडवांस प्रयोगशालाओं का दौरा किया हैं। संकाय के कई शिक्षकों ने शोध के क्षेत्र में सम्मान प्राप्त किया है। विभाग के छात्रों का प्लेसमेंट 90 प्रतिशत से अधिक है। जूलोजी विभाग के कई छात्र विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर स्थान हासिल कर रहे हैं। विभाग के पूर्व छात्र कुलपति, निदेशक, जेडएसआई, एमआरआई, आईएफएस, विभिन्न विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष, देश और विदेश के प्रमुख शोध संस्थानों में भी पद प्राप्त कर चुके हैं।
विभाग के संकाय सदस्यों और शोध छात्रों ने 1500 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं। विभाग विभिन्न गतिविधियों जैसे सेमिनार, कार्यशालाओं और महत्वपूर्ण दिनों के उत्सव जैसे वाइल्ड लाइफ वीक, पर्यावरण दिवस और पृथ्वी दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाने के लिए जाना जाता है। हर साल लगभग 20-25 छात्र जूलॉजी और 10-15 छात्र फोरेंसिक साइंस में नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर रहे हैं।कुवि के लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार एमएसएसी जूलोजी की 60 सीटों के लिए और एमएससी फोरेंसिक साइंस की 30 सीटों के लिए ऑनलाइन दाखिले की प्रक्रिया 17 अगस्त से शुरू हो चुकी है तथा विद्यार्थी 16 सितम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। हाल के पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि एमएससी जूलॉजी के लिए मांग अनुपात बहुत अधिक है। जूलोजी विभाग में दाखिले के लिए ऑनलाईन आवदेन करने की अंतिम तिथि 16 सितम्बर रात्रि 23ः59 बजे तक है। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार विद्यार्थियों की दाखिला सम्बन्धी जानकारी के लिए ऑनलाइन हेल्पडेस्क भी गठित किया गया है।