करनाल लाठीचार्ज की करवाई जाए न्यायिक जांच : अशोक अरोड़ा
दोषी अधिकारियों को जांच होने तक किया जाए सस्पैंड : अरोड़ा
भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल लिया जाए वापिस : मेवा सिंह
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। करनाल में किसानों पर किए गए बर्बतापूर्वक लाठीचार्ज, भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल तथा परिवार पहचान पत्र के विरोध में हरियाणा के पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा तथा लाडवा के विधायक मेवा सिंह के नेतृत्व में जिला भर से आए कांग्रेसियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पंचायत भवन पर एकत्रित हुए व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पर पहुंचे। जहां नगराधीश के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर करनाल लाठीचार्ज कांड की न्यायिक जांच करवाने तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कडी कार्रवाई की मांग करने के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल व परिवार पहचान पत्र बनाने के विरोध में ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शन में मनदीप चट्ठा, पवन गर्ग, इंप्रुवमेेंट ट्रस्ट कुरुक्षेत्र के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, सुभाष पाली, जगदीश राठी, सुलतान ब्राह्मण माजरा, कपिल शर्मा निंदी, सुरेंद्र सैनी, मेहर सिंह रामगढ, श्रीप्रकाश मिश्रा, पूर्व पार्षद संदीप टेका, बलवंत सिंह, सुधीर चुघ, सतबीर शर्मा, रामस्वरूप चोपड़ा, ओमप्रकाश हथीरा, अशोक शर्मा पहलवान, रामदिया फतुपुर, पवन चौधरी, जगपाल, हरीश क्वात्रा, प्रेम हिंगाखेडी, हरप्रीत चीमा, मन्नू जैन, भीम उमरी, बिमला सरोहा, निशी गुप्ता, विनोद गर्ग, सुनीता बत्तान, नीलम, वीना बारना, सत्या शर्मा, बब्ली, हरमन विर्क, ज्ञानचंद धुराला, जगीर कश्यप, बलवंत, कुलदीप कंग सहित जिलाभर के अनेक कांग्रेसियों ने भाग लिया।
लघु सचिवालय पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए अशोक अरोड़ा तथा मेवा सिंह ने कहा कि देश का अन्नदाता 9 माह से केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन काले कानूनों के विरूद्ध आंदोलन कर रहा है। यह विश्व का सबसे बडा शांतिपूर्वक आंदोलन है। लेकिन प्रदेश की भाजपा व जजपा सरकार किसानों पर लाठियां चलाकर उन्हे उकसाने का कार्य कर रही है। करनाल में जिस प्रकार से एक अधिकारी ने किसानों के सिर फोडने के आदेश दिए व उससे 10 किलोमीटर दूर किसानों पर लाठी चार्ज किया गया व किसानों को दौडा-दौडाकर बेरहमी से पीटा गया, बेहद शर्मनाक है। उन्होने मांग की कि करनाल कांड की न्यायिक जांच करवाई जाए और दोषी अधिकारियों के विरूद्ध मुकदमे दर्ज किए जाएं।
अरोड़ा ने कहा कि अब हरियाणा सरकार भी एक काला कानून लेकर आई है जिसमें संशोधन करके जिला मैजिस्ट्रेट को किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का अधिकार दिया गया है, यह बिल किसानों की जमीनों को निजी लोगों को सौंपने का षडयंत्र रचा है। कांग्रेस के राज में 70 प्रतिशत किसानों की सहमति के बाद ही उनकी जमीन का अधिग्रहण हो सकता था लेकिन अब सरकार ने इस कानून में संशोधन कर भूमि अधिग्रहण का अधिकार जिला मैजिस्ट्रेट को दे दिया है और 70 प्रतिशत लोगों की सहमति की शर्त हटा दी है। इसमें प्राईवेट बिल्डरों, उद्योगपतियों इत्यादि के लिए जिला मैजिस्ट्रेट किसी भी किसान की भूमि का अधिग्रहण कर सकता है। परिवार पहचान पत्र बनाने का विरोध करते हुए अरोड़ा ने कहा कि इससे व्यक्ति की निजता भंग होगी जोकि मौलिक अधिकार का हनन है। प्रत्येक व्यक्ति के बैंक खाता नंबर व अन्य निजी जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी। उन्होने इस कानून को वापिस लेने की मांग की।