Friday, November 22, 2024
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बगैर किसी कारण प्रार्थी का आवेदन रुका तो अधिकारी की खैर नहीं:गुप्ता

by Newz Dex
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आरटीएस के तहत एक केस भी एक दिन भी नहीं होना चाहिए लम्बित

आरटीएस में कुरुक्षेत्र जिला प्रदेश में प्रथम, उपायुक्त मुकुल कुमार और उनकी टीम बधाई की पात्र

आरटीएस के तहत नोटिफाई 546 सेवाओं का लाभ मिलना चाहिए निर्धारित समयावधि में

आस साफ्टवेयर को शुरु करने वाला देश का एकमात्र प्रदेश है हरियाणा

आस से अब ऑटोमैटिक तरीके से मिलेगा सेवाओं का लाभ

आरटीएस एक्ट के प्रति प्रत्येक नागरिक को होनी चाहिए जानकारी

ओपन हाउस में आमजन ने रखी आरटीएस से सम्बन्धित शिकायतें

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि सेवा के अधिकार के तहत अगर किसी अधिकारी बिना किसी कारण के किसी प्रार्थी का आवेदन रोका तो सम्बन्धित अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा। इसलिए किसी भी विभाग के पास एक केस भी एक दिन के लम्बित नहीं रहना चाहिए। अब हर विभाग को जनता की सेवा के लिए तत्पर रहना होगा और सरकार द्वारा अधिसूचित 546 सेवाओं का लाभ निर्धारित समयावधि के अंदर देना सुनिश्चित करना होगा। अहम पहलू यह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का एकमात्र विजन है कि सभी वर्गों को नोटिफाई सेवाओं का लाभ देकर आम नागरिक के जीवन को सुगम सहज बनाया जा सके। इसलिए लोगों की आस को जहन में रखते हुए राज्य सरकार ने आटो अपील साफ्टवेयर (आस) को शुरु किया है।

इस आस साफ्टवेयर से लोगों को निराश नहीं होने दिया जाएगा और जो भी अधिकारी निराश करने का प्रयास करेगा, उसकी जवाबदेही तय की जाएगी। मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता शुक्रवार को देर सायं मैक के सभागार में सेवा के अधिकार के तहत जिलास्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने ओपन हाउस में सेवा का अधिकार के तहत ओर सेवाओं को जोडऩे के लिए अधिकारियों, एमिनेंट पर्सन, अर्बन लोकल बॉडीज के निवर्तमान पार्षदों, सीएम विंडो व कष्ट निवारण समिति के सदस्यों सहित अन्य गणमान्य लोगों से आरटीएस पर चर्चा की है।

इस चर्चा के दौरान रामेश्वर, राजन, रामकुमार रम्बा, काबुल सिंह, सतीश कुमार, रविन्द्र सांगवान, गुलशन कुमार ग्रोवर, सुरेन्द्र माजरी, डा. शंकुतला शर्मा, प्रदीप झाम्ब ने आरटीएस को लेकर कुछ सुझाव दिए। मुख्य आयुक्त ने सबसे पहले आरटीएस स्कोर बोर्ड में हरियाणा प्रदेश में कुरुक्षेत्र के प्रथम स्थान पर आने पर उपायुक्त मुकुल कुमार और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि सही समय पर काम किया जाए तो किसी कानून या आयोग की जरुरत नहीं पड़ती है। जब लोगों को सरकार द्वारा निर्धारित सेवाओं का लाभ नहीं मिला तभी सरकार को आरटीएस कानून बनाने के साथ-साथ सेवा के अधिकार के तहत लोगों को सेवाओं का लाभ मिलने पर नजर रखने के लिए सेवा का अधिकारी आयोग बनाने की जरुरत पड़ी है 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सेवा के अधिकार के तहत 31 विभागों और 38 संस्थानों की 546 सेवाओं को नोटिफाई किया है। यह सेवाएं आम नागरिक की निजी जिंदगी से जुडी हुई है, जिसमें बिजली का कनेक्शन, पीने का पानी, सफाई, राशनकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, प्रापॅर्टी की रजिस्ट्री आदि को शामिल किया गया है। प्रत्येक सेवा के लिए अधिकारी की जिम्मेवारी भी तय की गई है। इस प्रदेश में अब तक सिर्फ 7 अपील ही लम्बित है, इससे आंकलन किया गया कि लोगों को सेवा के अधिकार के प्रति जागरूकता नहीं है, अब आम लोगों को सेवा के अधिकार के प्रति जागरूक किया जा रहा है और अब तक 1 लाख 41 हजार केस आरटीएस पर लम्बित है जिनका निपटारा नहीं हो पाया है। इस विषय को जहन में रखते हुए 1 सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आस साफ्टवेयर का शुभारंभ किया।

इस आस साफ्टवेयर से अब ऑटोमैटिक तरीके से लोगों के आवेदन पर कार्रवाई होगी। आवेदक एक बार आवेदन करने के बाद भूल सकता है लेकिन साफ्टवेयर के माध्यम से कार्रवाई निर्धारित समय अवधि के अंदर जरूर की जाएगी। यह एक क्रांतिकारी कदम है और आने वाले समय में प्रदेश में आम नागरिक को परिवर्तन नजर आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी अधिकारी कानून की अवहेलना करेगा उस पर 250 रुपए प्रतिदिन से लेकर 5 हजार तक जुर्माना किया जाएगा तथा इसके अलावा आयोग द्वारा भी जुर्माना किया जाएगा और नौकरी से बरखास्त करने की सिफारिश भी की जा सकती है।

यह साफ्टवेयर हर विभाग का आईना भी प्रस्तुत करेगा तथा अब कुछ भी छुपाने लायक नहीं रहेगा।  आयोग की सचिव मीनाक्षी राज ने कहा कि अब सभी अधिकारियों को अपने कर्तव्य और डयूटी को समझना होगा। जहां प्रत्येक अधिकारी अपने कार्य के लिए सिर्फ चुटकी बजने का इंतजार करना चाहता है, वहीं आम नागरिक के लिए भी इसी पॉलिसी को अपनाना होगा और चुटकी बजाते ही आम नागरिक को सेवा का लाभ देना होगा। अब अधिकारियों को पूरी तरह अपना नजरियां बदलना होगा। अगर अधिकारी सही तरीके से काम करते और आम नागरिक को लाभ देते तो सही मायने में कानून बनाने और आयोग गठन करने की जरूरत नहीं पडती। 

उपायुक्त मुकुल कुमार ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र जिले में आरटीएस स्कोरिंग की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र जिले में 87 हजार 906 आवेदनों पर तुरंत कार्रवाई की गई। अब सिर्फ आउटसाईड आरटीएस पर 796 आवेदन ही लम्बित है और इस जिले का स्कोर प्रदेश में सबसे ज्यादा 9.6 है। नगराधीश हरप्रीत कौर ने पावर प्रजेन्टेशन के जरिए कुरुक्षेत्र की आरटीएस से सम्बन्धित उपलब्धियों को सबके समक्ष रखा। इस कार्यक्रम के अंत में उपायुक्त मुकुल कुमार ने आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता, सचिव मीनाक्षी राज, रूप  कंवर सिंह, सुप्रिया सिन्हा को पौधा और सोविनियर भेंट किया। एडीसी अखिल पिलानी ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन डीआईपीआरओ डा. नरेन्द्र सिंह ने किया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग, एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक, एसडीएम अनुभव मेहता, एसडीएम सोनू राम, एसडीएम कपिल शर्मा सहित अन्य अधिकारी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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