न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सांभर वैटलैंड क्षेत्र के नियमित एवं प्रभावी प्रबंधन की स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्र के संरक्षण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शीतकाल में प्रवासी पक्षियों के आगमन से पहले आवश्यक कार्यवाही की जाए ताकि नवंबर 2019 जैसी परिस्थितियां फिर से पैदा ना हो।
आर्य शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सांभर वैटलैंड क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विभागों की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी पक्षी प्रवास सीजन की समुचित तैयारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध रूप से नमक निकालने, अवैध बिजली कनेक्शनों को और बोरवेल को हटाने के लिए त्वरित कार्यवाही की जाए। बैठक में SRSAC द्वारा सांभर वैटलैंड क्षेत्र के डिजिटल मैप का प्रस्तुतीकरण किया गया।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सांभर झील के आस पास बर्ड रेस्क्यू सेंटर्स को अधिक संसाधन उपलब्ध करवाए जाए तथा अस्थायी चौकी स्थापित कर निगरानी रखी जाए। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के साथ मिलकर निगरानी टीमें गठित की जाए। बैठक में वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा ने बताया कि राजस्थान पशुपालन विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा पशु चिकित्सकों को बॉटलिज्म से ग्रसित पक्षियों के देखरेख और इलाज से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
बैठक में पर्यटन विभाग द्वारा बताया गया कि सांभर झील को इकोलोजिकल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। विभाग द्वारा सांभर फेस्टिवल आयोजित करने का भी प्रस्ताव है। बैठक के दौरान ही जयपुर, नागौर तथा अजमेर जिला कलेक्टर से वीडियो कांफ्रेंस कर उनके जिलों में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। बैठक में सांभर सॉल्ट लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक निदेशक, उत्तर पश्चित रेलवे के उप मुख्य इंजीनियर समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ट अधिकारी भी मौजूद रहे।