न्यूज डेक्स उत्तरप्रदेश
अतरौली। पिता के गुरु पुत्र जब श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे तो पूर्व मंत्री एवं सांसद राजवीर सिंह भावुक हो गए। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिमाचल और राजस्थान के पूर्व गवर्नर स्वर्गीय कल्याण सिंह को आज एनबीटी (भारत सरकार) के पूर्व चेयरमैन और वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बल्देव भाई शर्मा श्रद्धाजंलि करने पहुंचे थे।यहां उनके स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वर्तमान सांसद राजवीर सिंह से पुरानी यादें ताजा की गई। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे स्वर्गीय मंगीलाल शर्मा और कल्याण सिंह के बीच गुरु शिष्य का भी स्मरण हुआ। वे इस दौरान स्वर्गीय कल्याण सिंह की धर्मपत्नी रामबती सिंह से भी मिले।
शुक्रवार को प्रो.बल्देव भाई शर्मा अपनी धर्मपत्नी के साथ कल्याण सिंह के निवास पर पहुंचे थे। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे पूर्व सीएम कल्याण सिंह का 21 अगस्त को स्वर्गवास हो गया था। कल्याण सिंह के निधन के साथ एक नाम और सामने आया था,वो था आरएसएस प्रचारक मंगीलाल शर्मा का,जिनकी प्रेरणा से कल्याण सिंह ना चाहते हुए भी राजनीति के क्षेत्र में कूदे और पहला विधानसभा चुनाव महज 500 वोट से हारने के बाद अगले चुनाव से लगातार अजेय बने रहे।
देश की राजनीति में भाजपा के फायर ब्रांड नेता के रुप में उभरे कल्याण सिंह नब्बे के दशक में राम मंदिर ढांचा गिरने के बाद अगले तीन दशकों तक इस मुद्दे पर लगातार सुर्खियों में आते रहे। उनके मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए बाबरी मस्जिद का ढांचा रामभक्तों द्वारा ढहाया था,जिसके बाद उन्होंने अपने शासनकाल में हुए इस घटनाक्रम का जिम्मा लेते हुए मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया था। बाद में एक बार फिर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला,लेकिन इसके बाद भाजपा आलाकमान के साथ उनके मतभेद इतने बढ़ गए कि उन्होंने पार्टी से दूरी अपनाते हुए खुद का राजनीतिक दल भारतीय क्रांति पार्टी बनाई और समाजवादी पार्टी से गठबंधन भी किया,लेकिन इसके लंबे अंतराल के बाद उनकी पुनःभाजपा में वापिसी हुई और केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के साथ उन्हें हिमाचल और राजस्थान का राज्यपाल भी बनाया गया।