बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के बीच हुई बातचीत
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विद्यार्थी कर सकेंगे कोर्स का चयन, वर्ष 2022-23 से शुरु होगा कोर्स
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को पाठयक्रम में हजारों वर्ष पुरानी पवित्र सरस्वती नदी को शामिल किया जाएगा। इसके लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा से बातचीत हो चुकी है। इस पाठयक्रम को बोर्ड द्वारा गठित कमेटी और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सरस्वती शोध केंद्र के सहयोग से तैयार किया जाएगा। अहम पहलु यह है कि इस कोर्स को शुरु करने का अभी प्रस्ताव तैयार किया गया है। बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा से बातचीत की है।
इस बातचीत में सरस्वती नदी पर शोध करने तथा विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में कोर्स को शामिल करने पर चर्चा की और एक प्रस्ताव भी तैयार भी किया गया है। बोर्ड के उपाध्यक्ष ने बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशानुसार पवित्र सरस्वती नदी के इतिहास और प्राचीन सभ्यता की उद्गम स्थली से युवा पीढ़ी को आत्मसात करवाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में कोर्स को जोडऩे के लिए योजना तैयार की है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए बोर्ड की तरफ से अभी हाल में ही डा. प्रीतम सिंह ने नेतृत्व में एक कमेटी का भी गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सरस्वती शोध केंद्र के प्रोफेसर एआर चौधरी तथा कमेटी के सदस्य मिलकर यूनिवर्सिटी के लिए पाठयक्रम तैयार करेंगी। इस पाठयक्रम के तैयार होने के बाद वर्ष 2022-23 में यूनिवॢसटी के विद्यार्थियों को इस कोर्स का चयन करने का अधिकार होगा। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी सरस्वती नदी की साईट्स पर शोध कार्य भी कर सकेंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा का कहना है कि बोर्ड के प्रस्ताव पर विचार किया गया है और यूनिवर्सिटी में सरस्वती नदी को लेकर पाठयक्रम को शामिल करने का अभी प्रपोजल तैयार किया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विद्यार्थियों को किसी भी तरह के कोर्स का चयन करने का अधिकार दिया गया है। इस शिक्षा नीति के तहत ही विद्यार्थी के लिए सरस्वती नदी के पौराणिक इतिहास व साहित्य को लेकर एक कोर्स शुरु करने की योजना है। इस कोर्स के लिए पाठयक्रम बोर्ड की कमेटी और शोध केंद्र द्वारा तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कोर्स को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनसुार वर्ष 2022-23 में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा विद्यार्थियों को फिल्ड में जाकर सरस्वती नदी पर शोध करने के लिए भी छुट दी जाएगी। इसके लिए विद्यार्थी साईट पर जाकर अध्ययन कर सकेंगे।