गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के नेतृत्व में आयोजित हुई ब्रह्मसरोवर परिक्रमा
गीता मनीषी ने ब्रह्मसरोवर की उतारी आरती, ज्योतिसर में किया गया गीता पाठ
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। तू ले कान्हा का नाम अमृत बरसेगा और राधा किशोरी कृपा करो जैसे राधा और कृष्ण भाव के भजनों का जीओ गीता और श्री कृष्ण परिवार द्वारा आयोजित ब्रह्मसरोवर परिक्रमा में शामिल होकर श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया। कोरोना काल के कारण लंबे समय से बंद पडी ब्रह्मसरोवर परिक्रमा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में दोबारा से शुरु की गई है। संकीर्तन प्रमुख सुनील वत्स, विकास छाबड़ा, अनिल गुप्ता, सुरेंद्र शर्मा, मुनीष खूराना, नवीन भारद्वाज तथा रामकुमार शर्मा द्वारा गाए गए भजनों का परिक्रमा मे शामिल श्रद्धालुओं ने खूब आनंद उठाया।
ठाकुर जी के स्वरूप को शिरोधार्य करके श्रद्धालुओं ने परिक्रमा में श्रद्धाभाव से भाग लिया और राधा व कृष्ण भाव के भजनों पर खूब झूमे। संकीर्तन प्रमुख सुनील वत्स ने बताया कि श्री कृष्ण कृपा परिवार और जीओ गीता द्वारा प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को सायंकाल ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा की जाती है लेकिन कोरोना काल की वजह से यह परिक्रमा बंद कर दी गई थी। अब गीता मनीषी के सानिध्य में ब्रह्मसरोवर परिक्रमा को शुरु किया गया है।
भगवान श्री कृष्ण जी का स्वरूप शिरोधार्य कर के परिक्रमा पुरषोत्तमपुरा बाग से शुरु हुई और आरती स्थल पर आकर संपन्न हुई। परिक्रमा में जीओ गीता और श्रीकृष्ण कृपा परिवार से आए लुधियाना व पटियाला के श्रद्धालुओं ने राधे श्याम स्नेही के नेतृत्व में भाग लिया। परिक्रमा सम्पन्न होने के पश्चात गीता मनीषी ने ब्रह्मसरोवर की आरती उतारी इससे पूर्व स्वामी ज्ञानानंद के नेतृत्व में श्रद्धालुओं ने गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर जाकर गीता पाठ व गीता पूजन किया और श्रीगीता जी के साक्षी वट वृक्ष की परिक्रमा की। इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि गीता दुनिया का एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें विश्व की हर समस्या का समाधान है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को नीमित बनाकर मानव कल्याण के लिए गीता का संदेश दिया था।