न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद। निडानी गांव में पांच वर्ष पहले जमीनी विवाद में गोली मारकर हत्या करने के आरोप में जेल बंदी की अदालत में सुनवाई के बाद वापस जाते समय पुलिस हिरासत में बस में ही मौत हो गई। इस दौरान सुरज के साथ हत्या का आरोपी उसका बेटा कृष्ण व राजेश भी साथ में थे। मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। वर्ष 2016 में निडानी गांव में खेतों के मध्य से जबरदस्ती रास्ता लेने को एक परिवार के सदस्यों में विवाद हो गया था। इसमें जिसमें गोली मारकर हत्या करने के आरोप में सुरज व उसके बेटे कृष्ण व राजेश को पुलिस ने उसी समय गिरफ्तार कर लिया था। उसी समय से तीनों जेल में बंद थे। अब पिछले एक सप्ताह से इनकी अदालत में सुनवाई चल रही थी। अभी तक तीनों पर दोष साबित नहीं हुए थे।
जुलाई 2016 को सदर थाना पुलिस को निडानी निवासी कृष्ण ने बताया था कि उनके पिता के चार भाई और थे। जिनके पास 60 एकड़ जमीन थी। सांझी खेवट होने के कारण रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। इसके चलते उसके चाचा का लड़का राजेश उनके ेात से जबरदस्ती रास्ता ले रहा था, जिसके चलते राजेश सायं को उनके खेत से जबरदस्ती रास्ता लेने के लिए हाथ में गंडास लेकर गया और उनके खेत की बाड़ को हटाने लगा। इस दौरान कृष्ण व उसके भाई जगमोहन ने राजेश को बाड़ हटाने से रोका तो राजेश ने उस पर गंडासे से वार कर दिया और अपने पिता सुरज व भांजे को बुला लिया। दोनों ने जगमोहन को लाठियों से हमला कर घायल कर दिया। झगड़े का शोर सुनकर जोगिंद्र, मंगल मौके पर आए तो आरोपियों ने इनको भी गंडास व लाठी से हमला कर घायल कर दिया।
इसके बाद जब वह सायं को घर गए तो सुरजा, राजेश, कृष्ण व उनके भांजे आए। इस दौरान कृष्ण ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से उन पर गोली चलाई। गोली मंगल की छाती में लगी तो वह बचाव के लिए राजबीर के मकान में घुस गए। इस दौरान आरोपियों द्वारा चलाई गई एक गोली राजबीर की बेटी पूजा को लगी। इस दौरान ग्रामीणों के इक्ट्ठे होने पर आरोपी फरार हो गए और गोली लगने से घायल पूजा व मंगल को अस्पताल में भर्ती करवाय। जहां पर चिकित्सकों ने मंगल को मृत घोषित कर दिया, जबकि पूजा उपचार के लिए रोहतक पीजीआई रेफर की थी। इस मामले में सदर थाना पुलिस ने हत्या के आरोप में राजेश, कृष्ण, सुरजा व राजेश के भांजे के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की थी। जांच के दौरान चारों को जेल भेज दिया गया था। उसी समय से यह मामला अदालत में विचाराधीन था।