न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। शहर के कलाप्रेमियों को दुनिया के बेहतरीन नाटकों के माध्यम से स्वस्थ मनोरंजन प्रदान करने वाला साप्ताहिक ‘संडे थियेटर’ एक बार फिर शुरू हो गया। सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय आईएमए हाल में होने वाले इस आयोजन का आगाज़ हास्य नाटक ‘गुलाब, पंखुड़ियां और डंठल’ से हुआ।जोगिंदर पंवार द्वारा लिखित और साहिल मंजू खन्ना द्वारा निर्देशित इस नाटक में शक और आपसी नोंकझोंक से उपजे हालात को बेहद मज़ेदार अंदाज़ में दिखाया गया। नाटक में विभिन्न मुद्दों पर भरपूर व्यंग्य करने के साथ-साथ विपरीत परिस्थितियों में संयम रखने का संदेश भी दिया गया।
सप्तक के सचिव अविनाश सैनी ने बताया कि नाटक की कहानी एक मशहूर फिल्म निर्देशक राज मुंद्रा पर केंद्रित रही। उसकी पत्नी सिमरन उस पर शक करती है और मायके जाने की धमकी देती है। इस बीच पति-पत्नी, सास-बहू, मालिक-नौकरानी में ऐसी नोकझोंक होती है कि हंसी का माहौल बन जाता है। बीच-बीच में आने वाले टेलीफोनों के अलावा गॉसिप पत्रकार, सीआईडी इंस्पेक्टर बन कर आया स्ट्रगलर एक्टर, बिजली मेकेनिक, ट्रेवल एजेंट जय और मुंद्रा का दोस्त दिलावर परिस्थितियों को और हास्यस्पद बना देते हैं।
इनकी हरकतों से मुंद्रा की गृहस्थी टूटने के कगार पर पहुंच जाती है, लेकिन जबरदस्त धैर्य का परिचय देते हुए वह अंत में अपने परिवार को तबाह होने से बचा लेता है। अवलोकन थिएटर मंच, दिल्ली की इस प्रस्तुति में मुंद्रा के रूप में अविनाश तिवारी ने बेहतरीन अभिनय किया। सरिता चतुर्वेदी ने सिमरन, आशुतोष शुक्ला ने इंस्पेक्टर, दामिनी पटेल ने पत्रकार, बबलू पांडे ने फोटोग्राफर, विकास यादव ने जय, मेघना पॉल ने नौकरानी, संगीता खरबंदा ने मां, गर्वित गौड़ ने दिलावर, आशुतोष सिंह ने चिंटू और राविन रावत व राजेश ने मेकेनिक की जीवंत भूमिका निभाई।
इस अवसर पर मुख्यातिथि वीरेन्द्र सचदेवा ने दोबारा से संडे थियेटर की शुरुआत करने के लिए विश्वदीपक त्रिखा और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि कला समाज को संवेदनशील बनाने के साथ साथ लोगों को रास्ता दिखाने का भी काम करती है। समाजसेवी और राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के प्रधान सचदेवा ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद संडे थियेटर ने शहर के लोगों को महामारी के कारण पैदा हुए मानसिकता तनाव से बाहर निकलने में काफी मदद की थी।
विशिष्ठ अतिथि एवं स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफोर्मिंग आर्ट्स (सुपवा) में निर्देशन के प्राध्यापक आशीष नेहरा ने कलाकारों के अभिनय की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि न केवल कलाकारों ने बहुत ही ज़बरदस्त अभिनय किया, बल्कि नाटक का निर्देशन भी बहुत ही स्तरीय रहा। नेहरा ने कहा कि फिल्म और रंगमंच के विद्यार्थियों को इस तरह के नाटक जरूर देखने चाहिए।
वरिष्ठ रंगकर्मी हरीश गेरा और अविनाश सैनी ने बुके देकर अतिथियों का स्वागत किया, जबकि मंच संचालन कर रही अभिनेत्री सुजाता ने सभी दर्शकों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर सप्तक के अध्यक्ष विश्वदीपक त्रिखा, पारस अरोड़ा, पुनीत बतरा, पंकज पंवार, सिद्धार्थ भारद्वाज, जगदीप जुगनू, विकास रोहिल्ला, डॉ. हरीश वशिष्ठ, गुलाब सिंह खांडेवाल, सुभाष नगाड़ा, सुरेन्द्र धौला, शक्ति सरोवर त्रिखा, मनोज कुमार उपस्थित रहे।