सरकार को धान की खरीद 25 सितंबर की बजाए 15 सितंबर से शुरू करनी चाहिए – बजरंग गर्ग
किसान अपना धान एमएसपी रेट 1960 रुपए से कम 1650 रुपए में मजबूरी में बेच रहा है – बजरंग गर्ग
सरकार ने धान की नमी 17 प्रतिशत से घटाकर 16 प्रतिशत करके किसानों के साथ ज्यादति की है – बजरंग गर्ग
केंद्र सरकार ने ब्रोकन की मात्रा 25 प्रतिशत से 20 प्रतिशत और डैमेज की मात्रा 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करना सरासर गलत है – बजरंग गर्ग
सरकार नए-नए फरमान जारी करके किसान व राइस मिलरों को नाजायज तंग करने में लगी हुई है – बजरंग गर्ग
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरूक्षेत्र। अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने राइस मिलर व किसानों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि मंडियों में जीरी आनी शुरू हो गई है। सरकार जीरी की सरकारी खरीद 25 सितंबर की बजाए 15 सितंबर से करनी चाहिए। किसान मजबूरी में जो जीरी का एमएसपी 1960 रुपए है उसे मजबूरी में 1650 रुपए में बेच रहा है। राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार ने मिलर व किसानों को तंग करने के लिए धान खरीद व सीएमआर का चावल लेने के लिए स्पेसिफिकेशन में काफी नजायज बदलाव किया है। धान में 17 प्रतिशत नमी में छूट को कम करके 16 प्रतिशत करके किसानों के साथ ज्यादति की है।
बड़ी हैरानी से कहना पड़ रहा है कि ब्रोकन के मात्रा 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दी है, इसी प्रकार डैमेज की मात्रा 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दी है, डिस्कलर को भी 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है। मिलर जो चावल एफसीआई में जमा करता है उसकी नमी की मात्रा जो पहले 14 से 15 प्रतिशत होती थी उसे घटाकर 13 से 14 प्रतिशत कर दिया गया है, जो देश व प्रदेश के किसान व राइस मिलरों को बर्बाद करने फैसला है। राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा की सरकार बार-बार नए-नए फरमान जारी करके किसान, आढ़ती व राइस मिलरों को नुकसान करने पर तुली हुई है मगर बड़ी हैरानी से कहना पड़ रहा है कि सरकार ने ना तो राइस मिलरों की मिलिंग के रेट बढ़ाए ना ही चावल की रिकवरी की मात्रा कम की है।
केंद्र सरकार द्वारा धान की नमी की मात्रा कम करने व सीएमआर की डिलीवरी से भारी भरकम बदलाव करने से राइस मिलर सरकार की शर्तों पर काम करने की स्थिति में नहीं है, अगर सरकार ने पिछले साल की शर्तों पर नई अधिसूचना जारी नहीं की तो हरियाणा में जो 1350 राइस मिलें है वह सरकार की नई शर्तों पर काम नहीं करेगी। सरकार को राइस मिलर व किसानों के हित में अनेकों साल से चली आ रही पॉलिसी के हिसाब से ही धान की खरीद व सीएमआर चावल की डिलीवरी का काम करना चाहिए।