न्यूज डेक्स राजस्थान
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्राचीन भारतीय ग्रंथों में मौजूद तकनीकी ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आधुनिक समय- संदर्भों के अनुरूप अध्ययन के लिए उपलब्ध करवाए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि इंजीनियिंरग विद्याथ्रियों को यह बताए जाने की जरूरत है कि भारतीय प्रौद्योगिकी कितनी प्राचीन और वैज्ञानिक है।राज्यपाल मिश्र ने अभियन्ता दिवस के अवसर पर आयोजित “एमीनेंट इंजीनियर्स अवार्ड 2021” कार्यक्रम में बुधवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित करते हुए भारत रत्न से सम्मानित महान अभियन्ता सर एम. विश्वेश्वरय्या के शिक्षा, अभियांत्रिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को याद किया।
महर्षि कणाद, भास्कराचार्य, आर्यभट्ट का उल्लेख करते हुए मिश्र ने कहा कि भारत देश प्रौद्योगिकी और ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में शुरू से ही अत्यंत समृद्ध रहा है। हड़प्पा काल के अवशेषों में मिले स्नानागारों से पता चलता है कि इन्हें लीक प्रूफ बनाने के लिए जिप्सम व बिटूमिनस का प्रयोग किया जाता था। यह हड़प्पा सभ्यता के लोगों के सिविल इंजीनियरिंग ज्ञान का बेहतरीन नमूना है।
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि देश को वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए इंजीनियरिंग शिक्षा का व्यावहारिक विकास बहुत जरूरी है, इसे देखते हुए नई शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा के व्यावहारिक प्रसार पर विशेष ध्यान दिया गया है। कार्यक्रम में आई.ई.आई. के पूर्व अध्यक्ष डॉ. टी.एम. गुनाराजा ने अपने सम्बोधन में कोरोना काल में अभियन्ताओं द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की चर्चा की।
आई.ई.आई. के पूर्व अध्यक्ष शिशिर कुमार बनर्जी ने अपने सम्बोधन में देश के विकास में अभियन्ताओं के योगदान पर प्रकाश डाला। आई.ई.आई. राजस्थान के चेयरमैन सज्जन सिंह यादव ने संस्था के राजस्थान चैप्टर का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पृथ्वी सिंह गहलोत, रवीन्द्र कुमार पनगड़िया, आचार्य दरिया ऋृषि, डॉ. कुलदीप सिंह सांगवान, डॉ. जयप्रकाश भानु, रवि कुमार गोयल, डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, पी.सी. छाबड़ा, आर्किटेक्ट आशु देहदानी सहित अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उल्लेखीय योगदान करने वालों को इंजीनियरिंग एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान करने की घोषणा की गई। कार्यक्रम में राज्यपाल मिश्र ने उपस्थितजनों को संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों का वाचन भी करवाया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स राजस्थान के सचिव महेन्द्र कुमार चौहान सहित अभियन्तागण ऑनलाइन उपस्थित रहे।