न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 14 अगस्त। नई शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा पर धारणा’ विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति तथा नीडोनॉमिस्ट प्रोफेसर एम.एम. गोयल, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर विस्तार से जानकारी के साथ चुनौतियों का भी जिक्र किया ।
वह आज संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर-सुल्तानपुर (यूपी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार‘नई शिक्षा नीति 2020 में उच्च शिक्षा पर धारणा’ विषय पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
पूर्व निर्देशक आरजीएनवाईवाईडी प्रोफेसर गोयल का मानना है कि लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाने और बनाए रखने के लिए एक और चुनौती है जो बुद्धिमान नैतिक युवाओं को राजनीति को करियर के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रेरित करती है ।
प्रोफेसर गोयल का मानना है कि उच्च शिक्षा की प्रणाली में दक्षता, पर्याप्तता और इक्विटी के लिए, हमें खुदरा कीमतों के आधार पर मुद्रास्फीति की दर के साथ शुल्क संरचना और उपयोगकर्ता शुल्क लिंक करना होगा ताकि उच्च लागत वसूली सुचारू रूप से सुनिश्चित हो सके।
प्रोफेसर गोयल ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए, हमें चुनौती को स्वीकार करना होगा प्रबुद्ध वैश्विक नागरिकता के लिए गीता और अनु-गीता से उपदेश पर आधारित शिक्षकों के आध्यात्मिक प्रशिक्षण की आवश्यकता है ।
प्रोफेसर गोयल ने कहा कि हमें शासन में सुधार के लिए, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा आयोग के रूप में एक एकल नियामक को संचालन के सभी स्तरों पर प्रभावी नेतृत्व के साथ स्ट्रीट स्मार्ट (सरल, नैतिक, कार्रवाई उन्मुख, उत्तरदायी और पारदर्शी) होना चाहिए।