कोरोनाकाल में आर्थिक संकट, घर चलानाए मुश्किल, रोजी रोटी का खड़ा हुआ संकट
न्यूज डेक्स डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 7 सितंबर। कुरुक्षेत्र में वैडिंग पैलेस, हलवाई व कैटरिंग एसोसिएशन, टैंट डीलर एसोसिएशन, लाईट एसोसिएशन, फ्लॉवर एंड डेकोरेटर एसोसिएशन, बैंड यूनियन, डी जे एसोसिएशन, वेटर संघ, जागरण एसोसिएशन, फायर वर्कस एसोसिएशन, स्नैक्स एसोसिएशन, चाट स्टाल संघ, बॉन चाइना क्रॉकरी यूनियन, बर्तन एवं बिस्तर संघ, फोटोग्राफी एसोसिएशन तथा रथ बग्गी एसोसिएशन से जुड़े सैंकड़ों व्यवसायियों ने पहले एक निजी पैलेस में बैठक कर अपना रोष व्यक्त किया।
पहले से की गई घोषणा के अनुसार सोमवार को पहले बैठक में वैडिंग इंडस्ट्री से जुड़े सभी व्यवसायी और कारोबारी एकत्रित हुए। इस के उपरांत जिला सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त कुरुक्षेत्र को देश के प्रधानमन्त्री तथा राज्य के मुख्य मन्त्री के नाम ज्ञापन दिया। दिए गए ज्ञापन में व्यवसायियों ने कहा कि कोरोना महामारी काल में वैडिंग इंडस्ट्री व्यवसाय पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। विवाह कारोबार से जुड़े लोग हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं और उनके परिवार भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। पिछले 6 महीने से हजारों लोगों के पास कोई रोजगार नहीं है। कोरोना प्रभावित व्यवसायियों का कहना है कि इस समय अगर कोई उद्योग सबसे अधिक पिटा तो वह है विवाह उद्योग।
उन्होंने कहाकि व्यवसायियों के साथ जुड़े लाखों लेबर मजदरों को भी रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। इससे जुड़े छोटे-बड़े सभी कारोबारियों को गंभीर आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। बैठक में मौजूद व्यवसायियों ने रोष प्रकट करते हुए कहाकि वे समय पर सरकार को जीएसटी व अन्य टैक्स अदा करते हैं। आज वैडिंग इंडस्ट्री से जुड़े व्यवसायियों को बैंकों का कर्ज अदा करना भी मुश्किल हो गया हैं। व्यवसायियों ने कहाकि उन्हें सरकार के उन निर्देशानुसार से अधिक मार पड़ी है जिसमें किसी भी विवाह समारोह में केवल 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति है। उन्होंने सरकार से अनुरोध है कि अगर वैडिंग इंडस्ट्री को बचाना है तो कम से कम 5 सौ लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति प्रदान करें।
बैठक में मौजूद लोगों ने कहाकि स्थिति को देखते हुए अब विवाह कारोबार से जुड़े कैटरर्स, टेंट हाउस संचालक, लाइट डेकोरेटर्स , साउंड एवं डीजे संचालक, बर्तन, क्रोकरी, हलवाई, डेकोरेशन संचालक और फोटोग्राफरों एकजुट हो गए हैं। टेंट हाउस संचालकों ने बताया कि जब से लॉक डाउन तथा बाद में नियम शुरू हुए हैं, एकदम कारोबार थम गया है। बुकिंग कैंसिल हो गई हैं। यही हालत अन्य व्यवसायियों का है। एक भी बुकिंग पर सामान नहीं जा सका है। उनकी मजबूरी है कि घर बैठकर किसी तरह से जीवन यापन किया जा रहा है। जितनी भी बुकिंग हुई थी सब कैंसिल हो गई। सीमित अनुमति के चलते ज्यादातर लोगों ने शादियां आगे बढ़ा दी हैं। अब तो रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं। यही एकमात्र धंधा होने के कारण बेरोजगार हो गए हैं।
एक टेंट हाउस के संचालक ने बताया कि अब तो डर लगने लगा है कि कभी यह धंधा चलेगा भी या नहीं। अगर कोरोना दो चार महीने और चलता है तो सोचना पड़ेगा की अब क्या किया जाये। क्योंकि जब तक कोरोना रहेगा यह धंधा बंद ही रहना है। इस अवसर पर धर्मपाल, कमल सैनी, तिलकराज, बलबीर, गुलशन मेहरा, रविंद्र पाल सिंह, अवनि गुप्ता, रामस्वरूप भुट्टी, बृजभूषण गुप्ता, फकीर चंद गाबा, हरिंदर गुप्ता, दीपक शर्मा, सुरेश अरोड़ा, हेमंत यादव, दीपक मेहरा, महेंद्र मन्नी, शिव कुमार, शमां खान, लक्की, सेठी, मोनू, लक्ष्मी बैंड व कृष्णा बैंड इत्यादि व्यवसायी सहित सैंकड़ों लोग मौजूद थे।