श्रद्धाभाव और एकाग्र मन से गुरु इतिहास का श्रवण किया संगत ने
हजूरी रागी, ढाडी व कविशरी जत्थों को सुनने के लिए उमड़ी संगत की भीड़
धार्मिक समागमों में बच्चों सहित जरुर शिरकत करें संगत : जत्थेदार मसाना
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। शबद कीर्तन, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी और बाबा मक्खन शाह लबाणा के जीवन इतिहास की गाथा। एक ही मंच पर यह सब सुन कर संगत भावविभोर हो उठी। मौका था ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही नौवीं कुरुक्षेत्र में धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 400 साला प्रकाश पर्व को समर्पित एवं बाबा मक्खन शाह लबाणा की याद में आयोजित ८वें महान गुरमत समागम का। श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरे कार्यक्रम स्थल के सभागार को देख कर प्रसिद्ध ढाडी जत्था बीबी दलेर कौर खालसा, हजूरी रागी श्री दरबार साहिब भाई शौकीन सिंह, प्रसिद्ध कविशरी भाई महल सिंह ने न सिर्फ संगत का उत्साह बढ़ाते अपने बच्चों को गुरबाणी व गौरवमयी सिख इतिहास से जोडऩे को प्रेरित किया, बल्कि प्रबंधकों का भी इस आयोजन के लिए आभार जताया।
इस दौरान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर कार्यकारिणी समिति के मैंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना, एसजीपीसी सब ऑफिस कुरुक्षेत्र के एडिशनल सैकेटरी डा. परमजीत सिंह सरोहा, इंचार्ज परमजीत सिंह दुनियामाजरा, सुपरवाईजर सुखदेव सिंह ने कार्यक्रम के प्रमुख सहयोगी अमीर सिंह आरे वाले, लखविंदर सिंह, अमरजीत सिंह, पूर्ण सिंह आरे वाले, कलर ब्राईट लैब के संचालक जगदीश मनोचा, बचितर सिंह और ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब छठी के मैनेजर अमरिंदर सिंह को सिरोपा भेंट कर सम्मानित भी किया। समागम में सचखंड श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई शौकीन सिंह कीर्तन कर संगत को निहाल किया, जबकि ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी कुरुक्षेत्र के हजूरी रागी भाई मलिंदर सिंह के जत्थे ने भी अपनी हाजिरी लगाई। इसके अलावा बीबी दलेर कौर खालसा के ढाडी जत्थे ने संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा।
प्रसिद्ध कविशरी भाई महल सिंह ने अपनी रूहाणी आवाज में संगत को गुरु सिख बनने के लिए प्रेरित किया। जत्थे ने अपनी रचनाओं से इस कदर गुरु इतिहास पेश किया कि सुनने वाला हर कोई भावविभोर हो उठा। कार्यक्रम में कथा विचार करते हुए सिख मिशन हरियाणा के प्रभारी भाई मंग्रपीत सिंह ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी शहीदी को नमन किया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब की शिक्षाओं को अपना कर हम अपना जीवन सफल बना सकते हैं। जो इंसान गुरु साहिब के प्रति समर्पित रहता है, उसके सभी कष्ट व दुख दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु के सिख को कभी अंहकार नहीं होता और जिसके मन में यह घर कर लेता है, वह गुरु कृपा का पात्र नहीं बन सकता। ज्ञानी मंगप्रीत सिंह ने गुरु लाधो रे दिवस की याद में करवाए गए इस समागम में पहुंची संगत को बाबा मक्खन सिंह लबाणा के जीवन इतिहास से भी अवगत कराया। समागम में बाबा दर्शन सिंह कार सेवा वाले, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवकता कवलजीत सिंह अजराना, जिला प्रधान जरनैल सिंह बोढी, करनैल सिंह बोढी, शहरी प्रधान तजिंदर सिंह मक्कड, सब ऑफिस के लीगल सहायक राजपाल सिंह दुनियामाजरा, मैनेजर अमरिंदर सिंह धंतोड़ी, अमरजीत सिंह नंबरदार, सुखविंदर सिंह सहित संगत मौजूद रही।
बच्चों को गुरुबाणी व गुरु इतिहास से जोडऩे का सरल माध्यम हैं समागम: जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना
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संगत का अभिनंदन करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर कार्यकारिणी समिति के मैंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों को गुरुबाणी और गुरु इतिहास से जोडऩे का एक बड़ा सरल एवं अहम माध्यम है। इसलिए संगत को धार्मिक समागमों में अपने परिवार सहित विशेष कर बच्चों के साथ जरुर शिरकत करनी चाहिए।