न्यूज डेक्स संवाददाता
बाबैन। हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड द्वारा पल्लेदारों की मजदूरी घटानें के विरोध में आज बाबैन मंडी के पल्लेंदारों ने मंडी में काम छोड़ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पल्लेदारों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बोर्ड द्वारा उनकी पल्लेदारी घटाई गई तो वे मंडी में काम नहीं करेंगे जिसके लिए स्वयं प्रशासन जिम्मेवार होगा। पल्लेदार मांगेराम, कमल, पंचदेव, बहादुर, श्रवण, सेाबित, रामबृज, मिन्टू, गुलमा व संदीप ने मजूदरी कम करने के विरोध में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पल्लेदार मांगेराम कहा कि बोर्ड ने इस साल मंडी में धान की मजदूरी कम कर दी है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें पिछले साल वाली मजदूरी नहीं मिली तो वे मंडियों में धान की सुखाई,भराई, तुलाई व लदार्ई काम नहीं करेंगे।
पल्लेदारों का आरोप है कि पिछले साल उन्हें एक कट्टे की लेबर 13 रुपये 45 पैसे मिलती थी जो इस साल घटाकर 10 रुपये 45 पैसे कर दी है जो पल्लेदारों के साथ घोर अन्याय है, जिसे पल्लेदार कदापि सहन नहीं करेंगे। पल्लेदार मांगे राम का कहना है कि धान के सीजन में उन्हें दिन-रात काम करना पड़ता है ताकि मंडी से धान का उठान होता रहे और किसानों को धान लाने में परेशानी ना हो। उन्होंने कहाकि ज्यादा काम होने के कारण अनेक पल्लेदार तो बीमार भी हो जाते है जिसके कारण कम मजदूरी में उन्हें दिहाड़ी भी नहीं पड़ती है। पल्लेदारों ने प्रशासन का चेतावनी देते हुए कहाकि वे कम मजदूरी में कदापि काम नहीं करेगें और मंडी में हडताल पर चले जाएगे और यदि मंडी में अव्यवस्था होती है तो उसके लिए प्रशासन ही जिम्मेंवार होगा।
पल्लेदारों की हड़ताल होने के कारण किसानों झेलनी पड रही हैं दिक्कतें
बाबैन अनाजमंडी में मंगलवार को पल्लेदार के द्वारा मजदूरी कम करने के विरोध में सुबह हड़ताल करके धान की ट्राली उतराने से मना कर दिया था। पल्लेदारों के द्वारा धान की ट्राली न उतराने के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। आज मंडी में धान लेकर आ रहे किसान की धान को मजदुरों द्वारा उतारा भी नहीं गया जिसके कारण कई किसानों को मजबूरन स्वयं ही ट्राली से धान उतारनी पडी। किसान रण सिंह का कहना है कि सरकार के द्वारा सरकारी खरीद न होने के कारण किसान बहुत परेशान हे लेकिन आज मजदूरों की हउ़ताल होने के कारण स्वंय धान की ट्राली को उतारना पड़ा। है जिससे किसानों का भारी शोषण हो रहा है। लेकिन मंडी में न तो कोई सत्ता पक्ष के विधायक या मंत्री किसानों की सूध लेने आज तक मंडी नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि मंडी में किसान तीन तीन दिन तक अपना धान बैचने के लिए धक्के खा रहा है। मंडी में भुखे प्यासे बैठे किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर अपना धान बेचने क ी आस थी। लेकिन मंडी में धान की सरकारी खरीद न होने के कारण किसान बेहद परेशान है और किसानों की सरकार से मांग है सरकार जल्द से जल्द किसानों की धान की खरीद करे ताकि किसानों की धान बिक सके। किसानों का कहना है कि पहले बेमौसमी बरसात के कारण खेतों में बहुत नुक्सान पहुंच चुका है।
क्या कहते है बाबैन अनाजमंडी के प्रधान?
बाबैन अनाजमंडी के प्रधान लाभ सिंह अंटाल का कहना है कि पल्लेदारों की मजदूरी कम होने के कारण मजदूर की हड़ताल थी लेकिन पल्लेदारों के द्वारा निर्णय लिया गया था कि ट्राली को उतार दिया जाएगा,लेकिन जब तक पल्लेदारों का निर्णय नही होता तब तक धान की भराई नही होगी।