न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। जब हम सीखने की प्रवृत्ति के साथ-साथ नित नूतन नए चिंतन को संयुक्त कर देते है, तो हम जीवन में नवसृजन करते हैं,और हम सफल हो जाते हैं। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु स्थानीय गीता निकेतन आवासीय विद्यालय में प्रभावशाली शिक्षक एवं प्रभावी शिक्षण विधियां विषय को समर्पित यह आचार्य दक्षता वर्ग रहा।समय-समय पर लगने वाले आचार्य दक्षता वर्ग का मुख्य उद्देश्य यही होता है कि आचार्यों में कलात्मकता एवं शिक्षण के विभिन्न आयामों में परिपक्वता को प्राप्त करवाना ।
कार्यक्रम का पहला सत्र योगाभ्यास रहा जिसमें शारीरिक-आचार्य अजय वर्मा ने योग के अंतर्गत सूक्ष्म क्रियाओं व प्राणायाम का अभ्यास करवाया। इसके बाद दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । तत्पश्चात् विद्यालय की वरिष्ठ-आचार्या डॉ.नीलू ढल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में निर्देशित शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय व्यवसायिक मानक एवं भारतीय शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें केवल विषय का विशेषज्ञ ही नहीं अपितु हमें नवाचार-व्यवहार तक की शिक्षा को अपने छात्रों को सीखना है।
तृतीय सत्र में मुख्य विषय शिक्षण विधियां’ जिसमें आंग्लभाषा के आचार्यों ने ‘कहानी कथन विधा’ को कलात्मक रूप देकर अपनी प्रस्तुति प्रस्तुत की। हिंदी विभाग की ओर से खेल विधि का,संस्कृत विभाग की ओर से गायन विधि,सामाजिक विभाग की ओर वार्तालाप विधि, गणित विभाग की ओर से प्रदर्शन विधि व विज्ञान विभाग की ओर से अनुभव शिक्षण विधि का अनुपालन करते हुए अपने शिक्षण द्वारा सबको लाभान्वित किया।
समापन सत्र में विद्यालय के प्राचार्य नारायण सिंह ने आचार्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सीखना जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है और शिक्षण स्वयं मे एक कला है । साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षक को अपने शिक्षण में नवाचारों का प्रयोग करते रहना चाहिए, जिससे विषय को रोचक बनाया जा सके । अंत में धन्यवाद ज्ञापन एवं शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।