कांग्रेसियों ने लखीमपुर की घटना व खट्टर के विरूद्ध किया प्रदर्शन
मनोहर लाल खट्टर का फूंका पुतला, राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। लखीमपुर खीरी में जीप के नीचे किसानों को निदर्यता पूर्वक कूचलकर मारने व हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा आंदोलनरत किसानों को लट्ठों से पीटने का फरमान जारी करने के विरोध में पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने उपायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया तथा खट्टर का पुतला फूंका। कांग्रेसियों ने योगी और खट्टर के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। हरियाणा के राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर मांग की गई कि मनोहर लाल खट्टर को तुंरत मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किया जाए और उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके पश्चात एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया जिसमें मांग की गई कि उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केश्वप्रसाद मोर्य तथा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को तुरंत बर्खाश्त किया जाए। इसी के साथ-साथ लखीमपुर खीरी में किसानों को बेदर्दी से मारने वाले कथित गृह राज्यमंत्री के बेटे तथा उनका साथ देने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके सारे घटनाक्रम की सीटिंग जज की अध्यक्षता वाली कमेटी से न्यायिक जांच करवाई जाए।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री बनते समय मनोहर लाल ने संविधान की शपथ ली थी। खट्टर ऐसे भड़काऊ व अमर्यादित ब्यान देकर प्रदेश को हिंसा की आग में झोंकना चाहते हैं। उन्होने कहा कि खट्टर को मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नही है इसलिए उन्हे तुरंत बर्खाश्त किया जाए। अरोड़ा ने चेतावनी दी कि यदि खट्टर के विरूद्ध कोई कार्रवाई नही की गई तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा फरमान जारी कर इस पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है जिस कारण से लोगों में भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह ब्यान आने के बाद प्रदेश में किसी भी समय संगीन अपराध घटित हो सकता है।
मुख्यमंत्री के इस अमर्यादित ब्यान की कड़ी निंदा करते हुए अरोड़ा ने कहा कि जब से किसान आंदोलन शुरु हुआ है। तब से ही मोदी व खट्टर सरकारों ने किसानों मजदूरों के सीने पर लगातार वार किया और खून बहाया। पहले तो अधिकारियों के माध्यम से किसानों का सिर फोडऩे के बात कहलवाई गई और अब तो हद ही हो गई जब मुख्यमंत्री ने स्वयं इस प्रकार का फरमान जारी कर दिया। इससे प्रदेश का ताना बाना बिगड़ेगा और अपराधियों के हौंसले बुलंद होंगें। उन्होने कहा कि कांग्रेस के लीगल सैल ने कुरुक्षेत्र के एसपी को शिकायत देकर मांग की है कि मुख्यमंत्री के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए।
इसी प्रकार लखीमपुर खीरी की घटना की कड़ी निंदा करते हुए अशोक अरोड़ा ने कहा कि आज यूपी में जंगल राज है। ऐसी दर्दनाक घटना तो अंग्रेजों के समय में भी नही हुई थी। जिस प्रकार से यूपी सरकार ने कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी व सांसद दीपेंद्र हुड्डा तथा अन्य विपक्षी नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने से रोकने के लिए हिरासत में लिया है, उससे लगता है कि यूपी में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नही है। उन्होने कहा कि यूपी में किसानों की शहादत को व्यर्थ नही जाने दिया जाएगा। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की गई है कि योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री मार्य व केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा को तुरंत बर्खाश्त किया जाए। इस मौके पर इंपु्रवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के संगठन सचिव सुभाष पाली, हिमांशु अरोड़ा हन्नी, सतबीर शर्मा, सुभाष पलवल, सुरेंद्र सैनी भिवानीखेड़ा, मेहर सिंह रामगढ, टेकचंद बारना, ओमप्रकाश हथीरा, सुधीर चुघ, युवा कांग्रेस नेता इशान शर्मा, सुरेंद्र फौजी, कपिल शर्मा निंदी, पृथ्वी सिंह तुर्क, पवन चौधरी, राहुल पुनिया, शमशेर सिंह मलिक, गजे सिंह, जगपाल चौधरी, पूर्व पार्षद ओमप्रकाश, रीना वाल्मिकी, नीलम बडोंदा, बब्ली सहित सैंकड़ों कांग्रेसी मौजूद रहे।