फूड सप्लाई विभाग ने 364948 और हैफेड ने खरीदा 103690 मीट्रिक टन धान
खरीदी गई धान में से 249888 एमटी धान का उठान कार्य पूरा
अब तक 57567 किसानों की खरीदी धान, सम्बन्धित अधिकारी निरंतर रख रहे है मंडियों पर नजर
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र की मंडियों व खरीद केन्द्रों में 12 अक्टूबर तक खरीद एजेंसियों ने 4 लाख 68 हजार 846 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें से फुड एंड सप्लाई ने 364948 एमटी, हैफेड ने 103690 एमटी और एफसीआई ने 208 मीट्रिक टन धान की खरीद की है। अब तक खरीदी गई धान में से मंडियो से 249888 मीट्रिक टन धान का उठान कार्य पूरा कर लिया गया है। अहम पहलू यह है कि अब तक कुल 57567 किसानों की धान की फसल खरीदी जा चुकी है। उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि जिले में खरीद केन्द्रों पर धान की खरीद का कार्य सुचारु रुप से चल रहा है। खरीद केंद्रों पर किसान अपनी फसलों को निर्धारित शैडयूल के अनुसार लेकर पहुंच रहे है।
जिला कुरुक्षेत्र के सभी मंडियों व खरीद केंद्रों से सभी एजेंसियों के खरीद कार्य व उठान कार्य से सम्बंधित रिपोर्ट डीएफएससी द्वारा एकत्रित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक की रिपोर्ट के आधार पर जिला कुरुक्षेत्र के अजराना कलां मंडी में 2274, बाबैन मंडी में 29841 एमटी, भौर सैयदां में 1363 एमटी, चढुनी जाटान में 1989 एमटी, गुमथला गढु में 14357 एमटी, इस्माईलाबाद में 52249 एमटी, झांसा में 14326 एमटी, कुरुक्षेत्र मंडी में 88759 एमटी, लाडवा मंडी में 60104 एमटी, मलिकपुर मंडी में 1869 एमटी, नलवी मंडी में 3229 एमटी, पिपली मंडी में 29542 एमटी, पिहोवा मंडी में 74132 एमटी, शाहबाद मंडी में 77679 एमटी, ठोल मंडी में 14582 एमटी, थाना में 2551 एमटी धान की फसल खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया है।
अब तक खरीदी गई कुल 468846 एमटी धान में से 249888 एमटी धान का उठान कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कहीं पर भी किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं है, अगर कोई दिक्कत आती है तो उसे तुरंत दुरुस्त किया जा रहा है। सभी मंडियों में बारदाना पर्याप्त मात्रा में पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर 2021 तक जिला कुरुक्षेत्र की मंडियों व खरीद केन्द्रों से 4 लाख 68 हजार 846 मीट्रिक टन धान आवक हो चुकी है। उपायुक्त ने कहा कि सभी अधिकारियों व एसडीएम को निर्देश दिए गए है कि अपनी-अपनी मंडियों में मौके पर जाकर प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं का मूल्यांकन करें। फील्ड में जाकर किसानों, व्यापारियों की समस्याओं को सुनें और उनका मौके पर समाधान करने का प्रयास करें। इसके साथ-साथ सभी नोडल अधिकारी मंडियों में कानून एवं व्यवस्था पर भी नजर रखे।