सरकार द्वारा बाजरे की घोषित ₹2250 रुपये MSP की बजाय किसान को ₹1200/- से ₹1250/- ही मिल रहा
· मंडियों में MSP ढूंढ रहा बाजरा उत्पादक किसान, सरकार बताए MSP कब, कहाँ कैसे मिलेगी – दीपेन्द्र हुड्डा
· MSP थी, MSP है, MSP रहेगी का सच मंडियों में सबके सामने है – दीपेन्द्र हुड्डा
· सरकारी नाकामी से प्रदेश में पुलिस थाने-चौकियों पर किसानों को खाद के लिये लगानी पड़ रही लाइन – दीपेन्द्र हुड्डा
· प्रदेश में खाद की किल्लत दूर कर कालाबाजारी पर रोक लगाए सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बाजरा उत्पादक किसानों से MSP पर खरीद न होने और उनको हो रहे भारी नुकसान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने बाजरे की MSP ₹2250/- घोषित की है मगर ये सिर्फ कागजों पर है। हरियाणा में बाजरा उत्पादक किसान को मंडियों में करीब आधे भाव पर फसल बेचनी पड़ रही है। किसान को बाजरे का ₹1200/- से ₹1250/- ही मिल पा रहा है। किसानों में बाजरे की फसल को लेकर काफी मायूसी है। सरकार की तरफ से बाजरे की खरीद शुरू न होने के कारण किसानों में जबरदस्त रोष है। उन्होंने कहा कि आज डीजल-पेट्रोल देसी घी के भाव मिल रहे हैं, खाद की जमकर कालाबाजारी हो रही है ऐसे में यदि सरकार किसान के उत्पादन का आधा भी नहीं खरीदेगी, MSP का आधा दाम भी नहीं देगी तो 2 महीने बाद ही 2022 आने वाला है, तब तक किसान की आमदनी दोगुनी कैसे होगी?
सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि सरकार ने किसान के साथ धोखा किया है। किसान मंडियों में MSP को ढूंढ रहा है सरकार बताए कि वो MSP कहाँ चली गई, जिसे संसद में सरकार बता रही थी कि संसद में चिल्ला-चिल्ला कर बता रही थी कि MSP थी, MSP है, MSP रहेगी। अब सरकार बताए किसान को बाजरे की MSP कब, कहाँ कैसे मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि मंडियों में बाजरे की एमएसपी कहां गई, सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है। किसान का बाजरा लुट रहा है और सरकार चुप है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के लागू होने का जो भयावह नतीजा निकलेगा ये उसका ट्रेलर है, पूरी फिल्म तो इन कानूनों के लागू होने के बाद सामने आएगी। इसी बारे में संसद में उन्होंने सरकार को चेताया था कि MSP थी, है और घोषित भी की जाती रहेगी लेकिन सवाल ये है कि क्या किसानों को मिल पाएगी? आज सच मंडियों में सबके सामने दिख रहा है। उन्होंने सरकार से तुरंत बाजरे की एमएसपी पर खरीद करने की मांग उठाई।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में खाद की किल्लत और कालाबाजारी से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। सरकार की नाकामी के चलते प्रदेश में पुलिस थाने-चौकियों पर किसानों को खाद के लिये घंटो-घंटो लाइन लगानी पड़ रही है। खाद की तलाश में किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं फिर उन्हें भी खाद नहीं मिल रही है। सरकार बताए कि किसान अगली फसल की बुआई करे या थाने-चौकियों पर लाइन लगाए। उन्होंने कहा बुआई के टाइम पूरी खाद नहीं, कटाई के टाईम पूरी खरीद नहीं। खरीद के टाइम किसान को MSP नहीं। उठान के टाईम मज़दूर को पूरी दहाड़ी नहीं। भुगतान के टाईम पूरी पेमेंट नहीं। ऐसी निकम्मी सरकार की हरियाणा को जरूरत नहीं है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि सरकार प्रदेश में खाद की किल्लत तुरंत दूर करे और कालाबाजारी पर रोक लगाए।