उपायुक्त मुकुल कुमार ने संबंधित विभागों को डाटा अपडेट करने के दिए आदेश
अधिकारी गम्भीरता के साथ डाटा को शीघ्र करेंगे अपडेट, उपायुक्त ने ली अधिकारियों की बैठक
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले की भावी योजनाओं को समय पर और सही तरीके से धरातल पर अमलीजामा पहनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को अपने विभाग का डाटा जीआईएस पर अपडेट करना होगा। इस डाटा को जल्द से जल्द अपडेट करने के उपरांत भावी योजनाओं को लागू करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसलिए सभी अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेंगे और जल्द से जल्द जीआईएस में डाटा को अपडेट करेंगे। उपायुक्त मुकुल कुमार सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में जीआईएस लैब के डाटा को अपडेट करने के विषय को लेकर अधिकारियों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले उपायुक्त मुकुल कुमार ने कृषि विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत विभाग, सिंचाई विभाग, बिजली विभाग, परिवहन विभाग सहित अन्य विभागों को लेकर जीआईएस लैब में डाटा को अपडेट करने से सम्बन्धित फीडबैक रिपोर्ट ली।
इस दौरान सहायक वैज्ञानिक रितेश कुमार ने पॉवर प्रेजेंटेशन के जरिए जीआईएस लैब के उद्देश्य तथा मुख्य एप्लीकेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उपायुक्त ने कहा कि फ्यूचर प्लानिंग के लिए लघु सचिवालय में हरसेक द्वारा जीआईएस लैब स्थापित की गई है। इस लैब द्वारा जिले में हर प्रकार के प्रोजेक्ट, जिनमें सीवरेज, रोड, पाइप लाइन से सम्बन्धित प्लानिंग करने के लिए अलग से सर्वे करवाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसके माध्यम से ई-गिरदावरी भी की जा सकेगी। इस लैब में जिले का पूरा भौगोलिक डाटा फीड होगा तथा रोजाना सेटेलाईट से होने वाली मॉनिटरिंग लैब में सेव होती रहेगी। इससे यह भी पता लग सकेगा की जिले में कितनी भूमि पर खेती होती है और कितनी भूमि खाली पड़ी है तथा कितनी भूमि पर मकान, उद्योग व सरकारी कार्यालय बने हुए है। यह लैब लघु सचिवालय में स्थापित की गई है।
उन्होंने कहा कि जीआईएस लैब में कुरुक्षेत्र जिले का पूरा भौगोलिक डाटा होगा। अगर भौगोलिक में कुछ बदलाव होगा या निर्माण होगा तो जीआईएस लैब उसे दिखा देगी। बिजली लाईन व नहरे निकालने से पहले सर्वे हो सकेगा कि किस क्षेत्र में कम खर्च में संबंधित प्रोजेक्ट पुरा हो सकेगा। जीआईएस लैब हरसेक का एक सराहनीय कदम है, जिससे जिला, ब्लाक, गांव स्तर पर योजना बनाने में आसानी होगी और इससे समय की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि यह लैब किसी भी प्रोजेक्ट के लिए सर्वे में लैब मिनिमम लागत को प्राथमिकता देगी। उदाहरण के लिए नया रोड बनाने से पहले जीआईएस लैब अपने मैपिंग में उस एरिया को चिन्हित करेगी, जिसमें रोड बनाने के लिए कम पेड़ काटने पड़े, कम मकान गिराने पड़े तथा एक पॉइंट से दूसरे प्वाइंट की दूरी जहां कम से कम हो। एडीसी अखिल पिलानी ने कहा कि लैब शुरु होने के बाद शिक्षा, कृषि, पुलिस विभाग, बिजली विभाग, टाउन प्लानिंग आदि विभागों का डाटा जीआईएस लैब से जोड़ दिया जाएगा।
स्कूल का रिजल्ट, क्राईम ग्राफ, किसी एरिया में क्राइम कम हुआ या ज्यादा स्कूलों का परिणाम पहले से सुधार हुआ या खराब आदि की जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यह लैब इसरो की इकाई हरसैक द्वारा स्थापित की गई है। इसके बाद किसी भी कार्य के लिए मैन्यूअल सर्वे करवाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। लैब में सम्बन्धित एरिया को सिलेक्ट करके उस एरिया की जानकारी स्क्रीन पर होगी, कितनी आबादी, संरचना, पुलिस चौंकी, पानी, बिजली, स्वास्थ्य, यातायात की जानकारी लैब से ही प्राप्त हो सकेगी। इस मौके पर एसडीएम कपिल शर्मा, जिप सीईओ सतबीर सिंह कुंडू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।