महर्षि मारकंडेय ने सृष्टि को मृत्यु पर विजय का सन्देश दिया : महंत बंसी पुरी
मारकंडेय पुराण में ही बताया गया है शक्ति की पूजा का महत्व : महंत बंसी पुरी
महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव में शामिल हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालु
महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव पर हुआ भण्डारे का आयोजन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव दिवस बड़े ही श्रद्धा व हर्षोल्लास से मनाया गया। दो दिन तक चले महर्षि मारकंडेय जयंती महोत्सव के समापन अवसर पर विशेष तौर पर भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत बंसी पुरी सहित अनेकों संत महापुरुष शामिल हुए और उन्होंने संत समागम में प्रवचनों की अमृत वर्षा की। इस मौके पर महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महंत बंसी पुरी ने कहा कि महर्षि मारकंडेय भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं और वह इस धरती पर चिरंजीवी महापुरुष हुए हैं। महर्षि मारकंडेय ने भगवान शिव की भक्ति से सृष्टि में सिद्ध किया है कि मृत्यु पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि भगवान शिव की भक्ति में ऐसी शक्ति है कि जीवन में जो इच्छा करो वह अवश्य पूरी होती है। महंत बंसी पुरी ने बताया कि मारकंडेय पुराण में ही भगवान शिव के साथ शक्ति की पूजा का महत्व बताया गया है। इस लिए हर देवता की पूजा के साथ शक्ति की पूजा जरूर करनी चाहिए। माँ भगवती के दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व भी मार्कण्डेय पुराण से ही है। महंत बंसी पुरी ने कहा कि आज संत महापुरुषों पर धर्म और समाज की रक्षा की बड़ी जिम्मेवारी है।
अखिल भारतीय मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मंदिर के व्यवस्थापक महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव पर अनेकों श्रद्धालु पहुंचे हैं। ऐसे दुर्लभ अवसर जीवन में बहुत ही भाग्यशाली लोगों को प्राप्त होते हैं। उन्होंने बताया कि महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव का कार्यक्रम मंगलवार को रामचरित मानस के पाठ के साथ प्रारंभ हुआ था और जिस का समापन आज भव्य महायज्ञ में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ विद्वान ब्राह्मणों द्वारा पूर्णाहुति के साथ किया गया। देर रात तक चली भजन संध्या में मुख्य यजमान आर्यन शर्मा, साहिल शर्मा, कन्हैया शर्मा, विनेश कुमार, सोनू शर्मा, प्रवेश कुमार, सतीश कुमार, रिंकू शर्मा तथा बिट्टू शर्मा के परिजन द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ विद्वान ब्राह्मणों प. माया चंद शर्मा, प. अश्वनी शर्मा, प. विक्रम शर्मा व आचार्य तरसेम शर्मा से पूजन करवाकर ज्योति प्रचण्ड की गई।
महायज्ञ की पूर्णाहुति व रामचरित मानस के पाठ के समापन पर मास्टर पुरुषोत्तम डोगरा एवं उनके परिजन विशेष यजमान के तौर पर शामिल हुए। महर्षि मारकंडेय की प्रतिमा पर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धा व आस्था के साथ अभिषेक किया गया जिसमें श्रद्धालु शामिल हुए और इस कार्यक्रम के यजमान मास्टर पुरुषोत्तम डोगरा एवं उनके परिजन ने भक्ति भाव के साथ परिवार सहित प्रतिमा पर वस्त्राभिषेक किया। सुबह ऋषि मारकंडेय जीवन चर्चा का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें विद्वान एवं संत महापुरुष ने विशेष रूप से विचार रखे। महंत जगन्नाथ पुरी ने महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव के महत्व पर चर्चा करते हुए बताया कि महर्षि मारकंडेय ने देवाधिदेव महादेव की कृपा से काल पर विजय हासिल की थी और अमर हुए थे।
ऐसे महर्षि की शरण में आने से मनुष्य सभी कष्टों और परेशानियों से मुक्ति प्राप्त करता है। महर्षि मारकंडेय प्राकट्योत्सव पर महिला मानस प्रचार मंडल पिहोवा द्वारा महर्षि मारकंडेय के भजनों का गुणगान किया गया। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र से महंत बंसी पुरी के साथ महंत रोशन पुरी, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, महंत अनूप गिरी, महंत रघुनाथ पुरी, महंत नरेश पुरी, महंत बीर पुरी, महंत सत्यानंद पुरी, महंत तरण दास, महंत केशव दास, स्वामी प्रमोद पुरी, स्वामी गंगा दास, महंत शिव गिरी, स्वामी रवि गिरी, दि. अभिषेक पुरी, स्वामी सीताराम, सतीश शर्मा, कृष्ण दत्त शर्मा, रमेश शर्मा, मान सिंह, रविंद्र सैनी, साहब सिंह, अमित गोयत, भाग सिंह, अनूप सिंह, श्रवण कुमार, जोगा सिंह, नाजर सिंह, श्रवण सिंह, शेर सिंह, राज कुमार, ओम प्रकाश, दलबीर सिंह, कुलदीप सिंह, बलजीत सिंह, नसीब सिंह, राम कुमार सैनी, मनजीत कौर, जसविंदर, कमलेश, अनिता रानी, संतोष, मूर्ति देवी, रमा, कर्मो, रजनी, गुड्डी, मंजू, बबीता आदि भी शामिल हुए।