न्यूज डेक्स हरियाणा
पंचकूला/अंबाला। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार अग्रवाल ने और अंबाला रेलवेज की एसपी संगीता कालिया ने पुलिस स्मृति दिवस-2021 के अवसर पर सेवारत और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों का नेतृत्व करते हुए कर्तव्य-परायणता के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस दशहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अग्रवाल ने पंचकूला स्थित पुलिस स्मारक पर गत वर्ष पुलिस सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 377 अमर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश की कानून-व्यवस्था, एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए हमारे शूरवीरों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हरियाणा पुलिस के सिपाही संदीप कुमार ने भी ड्यूटी के दौरान कर्तव्य-परायणता एवं अदम्य साहस का परिचय देते हुए शहादत प्राप्त की। देश इन वीरों का सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि इन बहादुर व जांबाज जवानों का सर्वोच्च बलिदान गर्व से खाकी पहनने वालों के लिए प्रेरणा है।
डीजीपी ने पुलिस स्मारक पर अमर शहीदों को पुष्पांजलि भी अर्पित की। उनके साथ एडीजीपी क्राइम ओपी सिंह, एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल, एडीजीपी एडमिन एंड आईटी ए.एस. चावला, एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर), नवदीप सिंह विर्क, डीजीपी (सेवानिवृत्त) के. सेल्वराज, आईजीपी आधुनिकीकरण अमिताभ सिंह ढिल्लों, आईजीपी सीएम फ्लाइंग स्क्वायड राजिंदर सिंह, डीआईजी ओपी नरवाल एवं अन्य पुलिस अधिकारी व जवानों ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन किया। इस अवसर पर पुलिस आयुक्त पंचकूला, सौरभ सिंह ने राज्य पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शहीदों के नाम पढ़कर उनके द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। 1959 में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में शहीद हुए 10 पुलिस कर्मियों की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।
इस मौके पर रेलवेज के पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया ने पुलिस के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में उप अधीक्षक धीरज कुमार,निरीक्षक वेलफेयर जीआरपी राजेश कुमार तथा राम गोपाल शर्मा के अलावा अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। पुलिस अधीक्षक रेलवेज ने बताया कि यह स्मृति दिवस 10 केंद्रीय पुलिस बल के शहीद हुए जवानों की याद में मनाया जाता है,जोकि 21 अक्तूबर 1959 को लद्दाख चीनी सीमा पर अचानक लगाए गए अंबुश के दौरान शहीद हुए थे।