कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने घुटने टेके,ये संघर्ष जारी रहेगा
न्यूज डेक्स हरियाणा
कुरुक्षेत्र-पीपली,10 सितंबर। आज पीपली अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन की किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली पर पुलिस प्रशासन द्वारा रोक के बावजूद शामिल होने आए किसानों पर लाठी चार्ज की नौबत आ गई। इसका प्रदेशभर में विरोध हुआ,कई जगह जाम लगाने की खबरें आई। लगभग चार घंटे तक जीटीरोड जाम रहा। इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा,लाडवा विधायक मेवा सिंह, प्रदेश संगठन सचिव पाली, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा, युवा कांग्रेंस के जिलाध्यक्ष हरप्रीत चीमा, सुरेंद्र सैनी भिवानीखेड़ा,जसमेर घराड़सी सहित करीब 30 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया और बस में भर कर पुलिस लाइन में छोड़ दिया गया।
इन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर मोरचे पर विफल होकर अब लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली है। शाहाबाद,इस्माईलाबाद,पिहोवा में भी पीपली के घटनाक्रम और सरकार द्वारा जारी तीनों अध्यादेशों का विरोध किये जाने की खबरे में मिल रही हैं। इन नेताओं ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने कोरोना के नाम पर किसान बचाओ मंडी बचाओ रैली पर रोक लगाई थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने भाजपा सरकार को तानाशाही सरकार बताते हुए कहा कि आजादी के बाद सरकार किसानों की पगड़ियों को रोंदने का काम कर रही है,लेकिन किसान किसी भी सूरत में संघर्ष से पीछे नहीं हटेगा और ये संघर्ष तब तक जारी रहेगा,जब तक देश से मोदी और प्रदेश से खट्टर सरकार को उखाड़ कर फैंक नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि किसानों की सड़कों पर संघर्ष शक्ति को देख आखिरकार सरकार ने घुटने टेके और फिर किसानों को पिपली मंडी में रैली करने की छूट भी दी।
सड़क पर जाम लगाये जाने के दौरान भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कोरोनाकाल के नाम पर किसानों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। अगर यही किसान मंडी में आयोजित रैली में होते तो पूरा नियमों को मानकर दूर दूर बैठे कर अपनी रणनीति बना सकते थे,मगर किसानों के सामने जो हालात पैदा किये गये हैं,उससे किसानों को बड़ी संख्या में लामबद्ध होने के लिये उकसाने का काम किया गया है।
उन्होंने पुलिस द्वारा किये गये लाठी चार्ज में जख्मी हुए किसानों के जख्म दिखाते हुए कहा कि किसानों पर अत्याचार किये जा रहे हैं। इधर प्रदेश और साथ लगते राज्यों से किसानों का समर्थन मिलता देख पुलिस प्रशासन के तेवर ढीले हुए और जीटीरोड पर किसानों की आवाजाही रोकने के लिये जो नाकेबंदी की गई थी उसे खोल दिया गया,वहीं पीपली अनाज मंडी के गेट भी खोल दिये गये,जिसके बाद किसान वहां पहुंचे और नारेबाजी की।