Sunday, November 24, 2024
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ग्रामीणों व प्रशासनिक अमले में भिड़ंत,पत्थरबाजी भी हुई और लाठीचार्ज भी हुआ

by Newz Dex
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-ड्रेनेज खोलने का विरोध करते हुए बुआना के किसान ने किया फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास

न्यूज डेक्स संवाददाता

जींद।बराड़खेड़ा गांव में बरसाती पानी की निकासी की समस्या हल करने गए प्रशासनिक अमले की बुआना गांव के ग्रामीणों से झड़प हो गई। पत्थर बाजी भी हुई और लाठीचार्ज भी। इसमे दो अधिकारियों को चोटें आई। मामला उस समय भड़का जब ड्रैनेज खोलने का विरोध कर रहे एक किसान ने समीप ही एक पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। ग्रामीण इससे भड़क गए और प्रशासनिक अमले पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।-ये है मामला-बराड़खेड़ा गांव वासियों की बरसाती पानी निकासी की समस्या पिछले काफी दिनों से हक नहीं निकल पा रहा है। गांव में लगभग 300 एकड़ भूमि में फैले पानी की निकासी की मांग करते हुए ग्रामीण एक महीने के दौरान सभी प्रशासनिक अधिकारियों सहित जुलाना के विधायक अमरजीत ढांडा, जींद के विधायक डॉ कृष्ण मिड्डा से भी गुहार लगा चुके हैं। ग्रामीणों की मांग थी कि उस ड्रेन को खुलवाया जाए, जो पानी निकासी के लिए 1995 बनाया गया था। इस मामले की लेकर बराड़खेड़ा के सैकड़ों महिला और पुरुष जिला सचिवालय पर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग दो महीने से प्रशासनिक अधिकारियों तथा जुलाना के विधायक अमरजीत ढांडा के यहां चक्कर काट रहे हैं। मगर उनकी समस्या का हल नहीं हुई।

जींद के विधायक डॉ कृष्ण मिड्डा से भी ग्रामीण मिल चुके हैं। गांववासियों का कहना है कि लगभग 300 एकड़ भूमि में गंदा पानी जमा है, जिसकी निकासी नहीं हो रही। जानबूझकर उस ड्रेन को बंद कर दिया गया है, जो वर्ष 1995 में बनाई गई थी।पूर्व सरपंच बारू राम ने बताया कि समस्या का समाधान नहीं निकल रहा। पूरा गांव इस समस्या से दुखी है। न सरपंच और न ही प्रशासनिक अधिकारी उनकी समस्या के समाधान पर ध्यान दे रहे हैं। ग्रामीणों ने यह चेतावनी भी दी थी कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे डीसी कार्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर देंगे।-समस्या का समाधान करने पहुंच था प्रशासनिक अमला-रविवार दोपहर बाद प्रशासनिक अमला नायब तहसीलदार दीपक के नेतृत्व में ड्रैनेज खोलने पहुंच था, जिसका साथ लगते बुआना के ग्रामीणों ने विरोध किया। प्रशासनिक अमले में नहर विभाग के अधिकारी जितेंद्र सहित जुलाना के एसएचओ समरजीत पुलिस पार्टी के साथ थे। जब ड्रेनेज को खोलने का कार्य शुरू हुआ तो बुआना के अनेक ग्रामीण पहुंच गए और विरोध शुरू कर दिया।

बहसबाजी के बीच बुआना के किसान जयभगवान (50) ने समीप ही पेड़ पर चढ़कर अपने पायजामे से फांसी लगा ली। प्रशासनिक अमला व अन्य ग्रामीण हक्के-बक्के रह गए। तत्काल एसएचओ समरजीत सिंह व अन्य पुलिस कर्मचारी पेड़ पर चढ़ गए और उसे किसी तरह नीचे उतारा गया। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने लाठी डंडों व पत्थरबाजी से प्रशासनिक अमले पर हमला बोल दिया। बदले में पुलिस ने भी हल्का लाठीचार्ज किया। इस घटना में नायब तहसीलदार दीपक, नहर विभाग के एसडीओ जितेंद्र घायल हो गए। इन दोनों को किसान जयभगवान के साथ जींद के नागरिक अस्पताल में लाया गया है। तीनों की हालात सामान्य बताईं जा रही है। सभी का उपचार चल रहा है।-पट्टे पर ली हुई है 40 एकड़ जमीन-बुआना गांव के जयभगवान के पुत्र अमित ने बताया कि उन्होंने 40 एकड़ पंचायती जमीन 18 लाख रूपए पट्टे पर ली हुई है। यदि ड्रेनेज खोली जाती है तो उनके गांव की ओर पानी बढ़ेगा। पहले से ही बुआना की सैकड़ों एकड़ भूमि में दो से तीन फीट पानी खड़ा है, जिसकी निकासी नहीं हो पा रही है।

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