मातृभूमि सेवा मिशन में भी मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2021
इस अवसर पर 27 नवंबर से 14 दिसम्बर तक आयोजित किये जाएंगे अठारह दिवसीय कार्यक्रम
व्यवस्थाओं के संदर्भ में आयोजन समिति की बैठक संपन्न
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। अध्यात्म प्रेरित सेवा संस्थान मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2021 के उपलक्ष्य में 27 नवंबर से 14 दिसम्बर तक आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम की व्यवस्थाओं के संदर्भ में आयोजन समिति के प्रमुख लोगों की बैठक फतुहपुर स्थित आश्रम परिसर में मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र कि अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2021 की व्यवस्था संबंधी अलग-अलग विभाग की जिम्मेवारी दी गई। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा 27 नवंबर से 14 दिसंबर 2021 तक अठारह दिवसीय विश्वकल्याण महायज्ञ का आयोजन भी होगा। गीता जयंती के दिन मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा अयोजित अठारह दिवसीय विश्वकल्याण महायज्ञ की पूर्णाहुति 14 दिसंबर 2021 को गीता जयंती के अवसर पर श्रीमद्भगवद्गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में होगी।
बैठक में मातृभूमि सेवा मिशन के वरिष्ठ सदस्य रामपाल आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती 2021 का विधिवत् शुभारंभ विश्व कल्याण महायज्ञ से 27 नवम्बर 2021 को होगा। मातृभूमि सेवा सेवा मिशन के देश के विभिन्न प्रांतों में स्थित इकाइयों द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता पर शिक्षा संवाद, न्याय संवाद, युवा संवाद, धर्म संवाद, बाल संवाद, साहित्य संवाद, कला संवाद, योग संवाद, सेवा संवाद,स्वास्थ् संवाद एवं परिवार संवाद सहित अनेक विषयों पर विचार गोष्ठी होगी।
मिशन द्वारा 28, 29, 30 नवम्बर 2021 को विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में विषयों पर गीता संवाद कार्यक्रम का आयोजन होगा। 01 से 04 दिसंबर तक श्रीमद्भगवद्गीता पर विभिन्न विषयों पर विचार गोष्ठी एवं युवा संवाद का आयोजन होगा। 05दिसंबर को भारतीय आजादी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय स्वंतंत्रता संग्राम में श्रीमद्भगवद्गीता की भूमिका विषय पर होगी। 06से 08 दिसंबर को श्लोकोच्चारण, रंगोली, चित्रकला एवं संभाषण पर एक अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 09 से 11 दिसंबर को श्रीमद्भगवद्गीता विषय पर विभिन्न स्थानों पर व्याख्यानमाला का आयोजन होगा। 12 दिसंबर को गीता पर एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार श्रीमद्भगवद्गीता में वैदिक जीवन मूल्य विषय पर होंगी। इन सभी कार्यक्रमों में अनेक देशों के प्रबुद्धजन भागीदार रहेंगे।
उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता संसार का लोकप्रिय ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ के सैंकड़ों अनुवाद हुए हैं। गीता भारतीय मनीषा की मानव जाति को अनुपम देन है। श्रमीद्भगवद्गीता कालजयी रचना है। श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान की सार्वभौमिकता एवं सार्वकालिकता को सभी विद्वानों ने स्वीकारा है। श्रीमद्भगवद्गीता वस्तुतः अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व का ग्रन्थ है। इसका लक्ष्य सम्पूर्ण मानवता का कल्याण है। यह ग्रन्थ शाश्वत सुख व शांति का मार्ग सुझाता है। आज जो समाज व राष्ट्र की दुर्दशा है, चरित्रहीनता, भटकन व किंकर्तव्यविमूढ़ता है, वह केवल श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार आचरण से विमुख होने के कारण हैं। अनिश्चिता, अनिर्णय, दुविधा या असमंजस की स्थिति में श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश ही मार्गदर्शक हो सकता है।
बैठक में मातृभूमि सेवा मिशन की संचालन समिति में डॉ. राजेश चौहान, उच्च न्यायायलय चण्डीगढ़ के अधिवक्ता एडवोकेट विवेक गोयल, सुनारियां के सरपंच चरणजीत सिंह, जसबीर सिंह, कपिल मदान, डॉ. ताराचंद, योगेश योगी, अजय कुमार, चमन सिंह, सुखविन्द्र सिंह सहित मिशन के सदस्य उपस्थित रहे।