न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में भारतीय अंदाज में अभिवादन करते हुए कहा कि इस साल भी हम अपनी पारंपरिक family photo तो नहीं ले पाए, किन्तु वर्चुअल रूप में ही सही, हमने आसियान-इंडिया summit की परंपरा को बरक़रार रखा है। उन्होंने ब्रूनेई के सुल्तान का 2021 में आसियान की सफल अध्यक्षता के लिए अभिनन्दन करते हुए कहा Covid-19 महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा। लेकिन यह चुनौतीपूर्ण समय भारत-आसियान मित्रता की कसौटी भी रहा। Covid के काल में हमारा आपसी सहयोग, आपसी संवेदना, भविष्य में हमारे संबंधों को बल देते रहेंगे, हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएं, भाषाएं, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, हर जगह पे दिखते हैं। और इसलिए, आसियान की unity और centrality भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है। आसियान की यह विशेष भूमिका, भारत की Act East Policy जो हमारी Security and Growth for All in the Region यानी ”सागर” नीति – में निहित है। भारत के Indo Pacific Oceans Initiative और आसियान के Outlook for the Indo-Pacific, इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र में हमारे साझा विज़न और आपसी सहयोग का ढांचाहैं।
वर्ष 2022 में हमारी पार्टनरशिप के 30 वर्ष पूरे होंगे। भारत भी अपनी आज़ादी के पचहत्तर वर्ष पूरे करेगा। मुझे बहुत हर्ष है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम ‘आसियान-भारत मित्रता वर्ष’ के रूप में मनाएंगे। भारत आगामी अध्यक्ष कंबोडिया और हमारे कंट्री को-ऑर्डिनेटर सिंगापुर के साथ मिलकर आपसी संबंधों को और गहन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब मैं आप सभी के विचार सुनने के लिए आतुर हूं।