न्यूज डेक्स संवाददाता
ऐलनाबाद। केंद्र और हरियाणा की सत्ता में काबिज भाजपा के लिए एक बार फिर हरियाणा का उपचुनाव भारी पड़ा है और ऐलनाबाद सीट पर भाजपा-जजेपी का गठबंधन भी कोई कमाल नहीं कर सका और इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने चौथी जीत दर्ज करते हुए 2019 के बाद फिर से भाजपा धराशाई धूल चटा दी। अभय चौटाला ने तीन कृषि बिलों के विरोध में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया,लेकिन ऐलनाबाद सीट खाली होने के बाद जब उपचुनाव की घोषणा हुई तो चौथी बार अभय चौटाला चुनाव मैदान में उतर गए थे। यह बात अलग है कि विपक्ष ने अभय चौटाला के इस्तीफे और फिर से चुनाव मैदान में उतरने की तीखी आलोचना की थी। इनेलो के विरोधी दलों का कहना था कि जब तीन कृषि बिलों के मुद्दे पर इस्तीफा दिया था तो अब फिर चुनाव लड़ने का अब औचित्य क्या? क्योंकि तीन कृषि बिलों को रद्द करने की मांग को तो अब तक केंद्र सरकार ने माना नहीं है। तमाम तरह की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए और विशेषकर चुनाव में उनके बड़े भाई अजय चौटाला,भतीजे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला,दिग्विजय चौटाला और चाचा हरियाणा के मंत्री रणजीत चौटाला सहित विरोधी दलों और इनेलो के धुरविरोधियों के तमाम हमलों को पीछे छोड़ कर अभय चौटाला ने 2019 के विधानसभा चुनाव से भी ज्यादा वोट 2021 के उपचुनाव में हासिल किए हैं।
पार्टी का नाम प्रत्याशी का नाम कुल वोट प्रतिशत
इनेलो। अभय चौटाला। 65992 43.49
भाजपा। गोबिंद कांडा। 59253 39.05
कांग्रेस। पवन बेनीवाल। 20904. 13.78
चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद अभय चौटाला के समर्थकों ने अपने फेसबुक वाल से ऐलनाबाद की जनता का धन्यवाद करते हुए टिप्पणी की कि सरकार, पैसा, मदिरा, भाई, भतीजें, चाचा, भाभी, सरकारी मशीनरी, प्रशासन, बाहुबल औऱ (भाजपा, कांग्रेस, हलोपा, जजपा) 4 पार्टीयां, जिस शख्स को हराने में लगी थी। उस शख्स चौधरी अभय सिंह चौटाला ने ऐलनाबाद का रण फतेह कर लिया। चुनाव नतीजों के दौरान सभी चरणों की गणना में अभय चौटाला अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा-जेजेपी प्रत्याशी गोबिंद कांडा से आगे रहे,यहां तक की पोस्टल वोट में भी अभय चौटाला आगे रहे,क्योंकि उन्हें 95,भाजपा प्रत्याशी को 64 और कांग्रेस प्रत्याशी 47 वोट मिले। परिवार दो फाड़ होने के बाद 2019 के चुनाव में इनेलो ने सिर्फ फतेहाबाद सीट से जीत दर्ज की थी और विधानसभा में जाने के लिए सिर्फ एक सदस्य के रुप में अभय चौटाला ही बचे थे और अभय चौटाला द्वारा भी इस्तीफा दिए जाने के बाद विधानसभा में इनेलो का प्रतिनिधित्व नहीं रहा था,अब वो दुबारा से नजर आएगा।