जब तक तीनों अध्यादेश वापस नहीं होंगे व्यापार मंडल का आंदोलन जारी रहेगा : बजरंग गर्ग
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 11 सितंबर। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा कि तीन अध्यादेश के खिलाफ कुरुक्षेत्र के कस्बा पीपली में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसान, व्यापारी व मजदूरों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि हरियाणा सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा देश के अन्नदाता किसान, व्यापारी व मजदूरों पर लाठी चार्ज व प्रदेश में किसान व आढ़तियों को गिरफ्तार करना लोकतंत्र की हत्या है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाए थोड़ी है।
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि तीन अध्यादेश के खिलाफ व्यापार मंडल पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ा है। जब तक केंद्र सरकार द्वारा कृषि संबंधित तीन नए अध्यादेश सरकार वापस नहीं लेती तब तक किसान संगठन व व्यापार मंडल का आंदोलन जारी रहेगा। सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए लाठियों के जोर पर किसान, व्यापारी, मजदूर व आम जनता की आवाज दबाने का कार्य किया है। प्रजातंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है मगर केंद्र व हरियाणा सरकार यह अधिकार भी छीनने में लगी हुई है।
गर्ग ने कहा कि तीन नए अध्यादेशों से देश व प्रदेश का किसान, आढ़ती, मुनीम व मजदूर कंगाल हो जाएंगे। जबकि सरकार अध्यादेश की आड़ में किसान की फसल जो एमएसपी रेटों पर खरीदी जा रही है, उस कानून को समाप्त करने की साजिश रच रही है और बड़ी-बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने नए तीन फरमान जारी करे हैं। अगर किसान की फसल खुली बोली में मंडियों में नहीं बीकेगी तो किसान को फसल के पूरे भाव नहीं मिलेंगे। यहां तक कि मंडियों के बाहर फसल की बिक्री के रास्ते खोलने से किसान की फसल बिक्री की गारंटी नहीं रहेगी और लाखों आढ़ती, मजदूर व मुनीमों के परिवार जो मंडी के व्यापार के कारण पलते हैं, वह बर्बाद हो जाएंगे।
गर्ग ने कहा कि सरकार के बड़ी-बड़ी कंपनियों के हित में काम करने की वजह से देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती व मजदूर तीनों अध्यादेश के खिलाफ सड़कों पर है तो सरकार क्यों जबरन इन अध्यादेश को लागू करना चाहती है। यह पूरी तरह समझ से परे है। प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के तुरंत प्रभाव से इन तीनों अध्यादेश को वापस लेना चाहिए और किसान की हर फसल एमएसपी रेटों पर मंडी के माध्यम से खरीद करने का नया अध्यादेश जारी करना चाहिए। ताकि देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती व मजदूर अपने परिवार के पालन पोषण के लिए जो सड़कों पर है उन्हें राहत मिल सके।