पुरानी प्रणाली को ही माना जाएगा आधार,किसानों को नहीं आने दी जाएगी परेशानी
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,12 सितंबर। विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की फसल का एक-एक दाना न्यूनतम निर्धारित मुल्य (एमएसपी) पर ही खरीदना सुनिश्चित करेगी। किसानों को फसल बेचने में रतिभर भी परेशानी नहीं आने दी जाएगी और किसानों की तमाम सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। इतना ही नहीं व्यापारियों की पुरानी प्रणाली को ही आधार माना जाएगा। अगर फिर भी किसी व्यापारी व किसान के मन में जरा सी भी शंका होगी, उसे राज्य सरकार की तरफ से दूर किया जाएगा। इसलिए किसानों व व्यापारियों को किसी के बहकावे में आने की जरुरत नहीं है
विधायक सुभाष सुधा ने शुक्रवार को सैक्टर 7 आवास कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हमेशा किसानों के हित की बात की है और किसानों के हित को जहन में रखते हुए ही नीतियों को लागू किया है। सरकार किसानों की फसल का एक-एक दाना न्यूनतम निर्धारित मुल्य पर ही खरीदेगी और इस खरीद कार्य में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। किसानों को सरकार की तरफ से तमाम नीतियों का फायदा दिया जाएगा। इस सरकार ने दिन-रात अन्नदाता के हित के बारे में सोचा है, किसानों को जहां एफपीओ बनाने के लिए सबसीडी देने का काम किया है, वहीं किसान अपनी फसलों की खुद मार्किटिंग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि व्यापारियों और आढ़तियों को भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उनकी आढ़त की प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। इस समय विपक्ष किसानों और व्यापारियों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा लेकिन व्यापारी और किसान विपक्ष के इन मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि कुछ महत्वकांक्षी लोग किसानों के कंधों पर रखकर जो बंदूक चला रहे है, किसान खुली आंखों से उनको देख रहा है, सभी पार्टियों की सरकार राज कर के चली गयी लेकिन किसी ने भी किसानों के हक में कानून नही बनाया। आज जब भारतीय जनता पार्टी चौधरी छोटूराम जी तर्ज पर किसानों के हक में कानून बनाना चाहती है तो कुछ लोग रोड़ा अटकाने का काम कर रहे है, क्योंकि उन लोगों को पता है, जैसे राम मंदिर की तरह ही ये कानून लागू कर दिए गए तो वो जो किसान के नाम पर दशकों से राजनीति करते आ रहे है, वो शून्य पर आ जाएगी। इसलिए कुछ लोग किसानों व व्यापारियों को बहकाने का काम कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की किसान हितैषी नीतियों के आगे देश का किसान बहकने वाला नहीं है, अन्नदाता ने दिल खोलकर भाजपा का साथ दिया है और हमेशा देता रहेगा।
उन्होंने कहा कि लाठी चार्ज उचित नहीं पर महामारी के दिनों में किसानों को खुद के लिए, अपने परिवार के लिए विशाल प्रोग्राम से परहेज करना चाहिए, हमारे लिए हमारे किसान भाई और उनका परिवार सर्वोपरि है। कृषि सचिव ने किसान संगठनों को 9 सितंबर को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन कुछ लोगों की हठधर्मीता के कारण बात नहीं बनी। यह किसान आंदोलन नहीं, विपक्ष प्रायोजित आंदोलन है। किसानों के बहाने विपक्ष के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे है। अध्यादेश किसानों की आर्थिक आजादी के लिये है, किसान उनका अध्ययन करे और सरकार को सुझाव बताए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 82 हजार के करीब किसान एफपीओ से जुड़े है, 20 हजार से ज्यादा प्रगति शील किसान है, जो डायरेक्ट मार्केटिंग कर रहे है, अध्यादेश इन किसानों के लिये बाजार खोलने व सुरक्षा के लिए है। एक बार अपने आसपास किसी प्रगतिशील किसान के खेत में जाकर देखें, उसके परिवार में जाकर देखें, उस प्रगतिशील किसान से बातचीत करें, फिर अपने आप से पूछे।
उन्होंने कहा कि मंडी व्यवस्था में नहीं कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। सरकार ने 25 सितंबर से धान खरीद की अनुमति मांगी है। धान व बाजरा का एक एक दाना खरीदा जायेगा। कुछ लोगों को महामारी की बजाय राजनीति की चिंता ज्यादा है। सीएम, बिजली मंत्री कृषिमंत्री, शिक्षा मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व अनेक सासंद व विधायक करोना से जूझे है। लेकिन विपक्ष के लिए प्रदर्शन व राजनीति जरूरी है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि कृषि अधिकारियों को गांव-गांव भेजे, किसानों की सुने, उनके सुझाव लाये व भाजपा के किसान मोर्चा के कार्यकर्ता मंडी समितियों के पूर्व चेयरमैन व वाइस चेयरमैन भी किसानों को इन अध्यादेशों पर जागरूक करे ताकि किसानों को हित में ओर सुधार किए जा सके।