यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित रिफ्रेशर कोर्स का चौथा दिन सम्पन्न
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 11 सितम्बर। योगेश कुमार वर्मा (भूतपूर्व छात्र, यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट), भारतीय राजस्व सेवाओं के आयकर आयुक्त ने कहा है कि फेसलेस मूल्यांकन ग्रे क्षेत्रों को कम करेगा और पारदर्शिता और निश्चितता को बढ़ावा देगा। इस कदम से भारतीय उद्योग के बीच आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ व्यापार करने में आसानी में सुधार करके बदलते वैश्विक क्रम के बीच भारत को एक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित रिफ्रेशर कोर्स के चौथे दिन बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि फेसलेस मूल्यांकन एक सफल डिजिटल इकोसिस्टम के कारण यह संभव हो पाया है। आधुनिक बैंकिंग प्रणाली एक डिजिटल इकोसिस्टम तंत्र का एक विशिष्ट उदाहरण है । ऑटोमोबाइल, ड्रोन, बिटकॉइन, आयकर विभाग पैन, रिफंड, फेसलेस आकलन ये सभी एक डिजिटल इकोसिस्टम रणनीति के उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि संचार प्रौद्योगिकी और स्वचालन की उन्नति ने व्यापार में क्रांति ला दी है। इस युग के उद्यम को हाइपर-कनेक्टेड उपभोक्ता के साथ जुड़ने में सक्षम होने के लिए कई उपकरणों पर एक सहज और एकीकृत अनुभव प्रदान करने की आवश्यकता है। एक डिजिटल इकोसिस्टम आंतरिक विभागों, आपूर्तिकर्ताओं, उपकरणों, प्रणालियों, ग्राहकों और बाहरी भागीदारों का एक गतिशील एकीकरण है, जो पूरे संगठन में डेटा प्रवाह को बढ़ाने और व्यावसायिक प्रदर्शन को चलाने के लिए एक साथ लाया जाता है। डिजिटल इकोसिस्टम ग्राहकों और अन्य हितधारकों के साथ संबंध में मूल्य जोड़कर विकास को सक्षम बनाता है।
इससे पहले सुबह के सत्र में डॉ. वंदना टंडन खन्ना, प्रोफेसर के.जे. सोमैया प्रबंधन अध्ययन और अनुसंधान स्कूल, मुंबई ने ब्लू ओशन स्ट्रेटेजी पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सेवा उद्योग इस आधार पर काम करता है कि आप जो पेशकश करते हैं उसे कॉपी किया जा सकता है लेकिन आप इसे कैसे ऑफ़र कर सकते हैं इसकी नकल नहीं की जा सकती ।
उन्होंने कुछ मूल्यवान सुझाव भी दिए कि सर्विस मार्केटर्स को प्रभावी ढंग से सेवा उपयोगकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान के लिए सेवा उपयोगकर्ताओं की समस्याओं के बारे में समझने की आवश्यकता है। सेवा संगठन को सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए अपनी चयन प्रक्रिया को मजबूत करना होगा।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर आशीष दहिया, प्रोफेसर पर्यटन और होटल प्रबंधन, महर्षि दयानंद रोहतक डिजिटल दुनिया में शिक्षकों के लिए आवश्यक आवश्यकताओं पर कुछ प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रौद्योगिकी को खुले दिल से अपनाने की जरूरत है। प्रोफेसर दहिया ने अपनी सहज तथा प्रभावशाली सामग्री से प्रतिभागियों को रोमांचित किया। उन्होंने तालाबंदी के दौरान शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए अपने सत्र का समापन किया