किसानों पर दर्ज किये गये मुकदमे लिए जाएं वापिस : अशोक अरोड़ा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 12 सितंबर। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ द्वारा आंदोनरत किसान व व्यापारी संगठनों से वार्तालाप करने के लिये गठित तीन सदस्यीय कमेटी पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि इस कमेटी का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि इस कमेटी को केंद्रीय सरकार ने गठित नहीं किया है। यह केवल डैमेज कंट्रोल करने और आंदोलनकारियों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास मात्र है। आगे पढ़ें–
अरोड़ा ने कहा कि तीनों अध्यादेशों पर राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर किये जा चुके हैं और 14 सितंबर से शुरु होने वाले संसद के सत्र में इन अध्यादेशों का बिल पेश करके सरकार इसे कानूनी रूप देगी। इस हालात में अध्यादेशों को लागू न करने का एक ही रास्ता है कि केंद्र सरकार इन अध्यादेशों के बिल को संसद में पेश ही ना करे। उन्होंने मांग की कि हरियाणा सरकार को भी पंजाब का अनुसरण करते हुए हरियाणा विधानसभा में इन अध्यादेशों को रद करने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास कराना चाहिये।आगे पढ़ें–
पूर्व मंत्री ने हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज द्वारा पिपली में 10 सितंबर को आंदोलनरत किसान पर कोई लाठी चार्ज न करने के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक ओर तो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़,पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु,सांसद धर्मबीर सिंह, सांसद बृजेंद्र सिंह तथा स्थानीय विधायक सुभाष सुधा ने किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने पर दु:ख व खेद जताया है,अनिल विज को अपने इन नेताओं से पूछना चाहिये की जब लाठीचार्ज ही नहीं किया तो ये नेता किस बात पर दुख जता रहे हैंआगे पढ़ें–
अरोड़ा ने कहा कि यह सब भाजपा नेताओं की मिलीभगत है। इसी मिलीभगत से ही यह बयानबाजी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह तीनों अध्यादेश किसान,व्यापारियों और मजदूरों के विरोध में है। इन अध्यादेशों से मंडी सिस्टम खत्म हो जाएगा। किसान,व्यापारी और मजूदरों को रोजी रोटी के लाले पड़ जाए जाएंगे,तथा देश की बिगड़ रही अर्थ व्यवस्था और अधिक बदतर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि 10 सितंबर को कुरुक्षेत्र में हुए आंदोलन,लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों के बाद पूरे हरियाणा में जनआक्रोश की स्थिति बनी हुई है औऱ सरकार घबरा कर लीपापोती करने में लगी है। आगे पढ़ें–
उन्होंने कहा कि इस लीपापोती से कुछ नहीं होगा,क्योंकि लोगों में सरकारी जनविरोधी नितियों की पोल खुल चुकी है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो भाजपा बातचीत का ड्रामा कर रही है और दूसरी ओर सैंकड़ों किसानों पर हत्या के प्रयास जैसे संगीन मामले दर्ज कराए जा चुके हैं। अरोड़ा ने किसानों पर दर्ज किये गये केस तुरंत वापिस लेने की मांग की है।