पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. मंगल सैन की 31वीं पुण्य तिथि पर पुस्तक का किया विमोचन–
डॉ. मंगल सैन- सैद्घांतिक राजनीति के पथिक पुस्तक का विमोचन
अढ़ाई करोड़ की लागत से नवीनीकरण किये गये बहुउद्देश्यीय हॉल का किया उद्ïघाटन
8.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले कब्बडी हॉल का किया शिलान्यास
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि डॉ. मंगल सैन की अंत्योदय के सपने को साकार करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों की आमदनी बढ़ाकर उन्हें एपीएल श्रेणी में लाना है ताकि वे अपनी मेहनत व लगन से अपनी आजीविका कमा सके। प्रदेश सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति में खड़े परिवारों के उत्थान के लिए योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत एक लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले लगभग साढ़े 3 लाख परिवारों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें विशेष मेलों के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं का मौके पर लाभ प्रदान करके उनकी आमदनी को 2 लाख रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में 25 दिसंबर तक ऐसे मेलों का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्थानीय महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय स्थित राधाकृष्णन सभागार में हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. मंगल सैन की 31वीं पुण्यातिथि के अवसर पर डॉ. मंगल सैन के विचारों पर आधारित सैद्घांतिक राजनीतिक के पथिक नामक पुस्तक के विमोचन समारोह में पुस्तक के विमोचन के उपरांत बतौर मुख्यातिथि उपस्थितगण को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में अढ़ाई करोड़ की लागत से डॉ. मंगल सैन बहु वैकल्पिक हॉल के नवीनीकरण कार्य का उद्ïघाटन एवं लगभग 8.50 करोड़ रुपये की राशि से बनने वाले कब्बडी हॉल का शिलान्यास किया। उन्होंने इससे पूर्व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया तथा डॉ. मंगल सैन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्घांजलि दी।मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि डॉ. मंगल सैन ने हमेशा समाज सेवा में अपना जीवन लगाया।
उन्होंने देश के विभाजन के बाद विस्थापित होकर आये पीडि़त लोगों की कैंपों में जाकर सेवा की व उन्हें दवाइयां दी। उन्होंने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे डॉ. मंगल सैन के जीवन को पढ़े तथा उनसे परोपकार की भावना व समाज सेवा की भावना ग्रहण करे। परोपकार ही सबसे बड़ा धर्म है। आम जनता द्वारा ही उन्हें डॉक्टर की उपाधि दी गई। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि जिस कर्म भूमि पर डॉ. मंगल सैन ने लोगों की सेवा की, उन्हें भी इसी कर्म भूमि से अपने सामाजिक जीवन की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि डॉ. मंगल सैन ने संघ के प्रचारक के रूप में भी काम किया तथा 1952 में मजबूत विपक्ष की जरूरत को पूरा करने के लिए गठित किए गये जनसंघ में शामिल हुए।
उन्होंने 1957 में प्रथम चुनाव जीता तथा 1990 तक डॉ. मंगल सैन सक्रिय राजनीति में रहें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों में अनेक महापुरुषों के जीवन व विचारों पर शोध के लिए 40 से ज्यादा शोध पीठें स्थापित की गई है ताकि इनके माध्यम से युवा पीढ़ी को इन महापुरुषों के विचारों से अवगत करवाया जा सके। उन्होंने उपस्थितगण का आह्वïान किया कि वे डॉ. मंगल सैन द्वारा दिखाये गये अंत्योदय के रास्ते का अनुसरण करें और यही उन्हें सच्ची श्रद्घांजलि होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सत्ता संभालने के अगले दिन 27 अक्तूबर को उनकी जयंती के अवसर पर ही डॉ. मंगल सैन शोध पीठ का गठन करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि शोध पीठ का खर्च संबंधित सामाजिक व्यक्ति के अनुयायी उठाये ताकि विश्वविद्यालय पर आर्थिक बोझ न पड़े।
उन्होंने कहा कि इन शोध पीठों द्वारा महापुरुषों के जीवन व विचारों से संबंधित गुणवत्ता परक शोध किया जाये ताकि आमजन तक इनके विचारों को पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डॉ. मंगल सैन के साथ व्यतीत किये समय को याद करते हुए कहा कि उन्होंने डॉ. मंगल सैन के साथ कई वर्ष तक कार्य करने तथा उनसे समाज सेवा के बारे में बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 1981 में सामाजिक जीवन की शुरूआत की थी तथा 1984 तक वे डॉ. मंगल सैन के साथ घनिष्ठï रूप से जुड़े रहे। डॉ. मंगल सैन सभी को साथ लेकर चलते थे तथा जनता की सेवा का भाव उनमें भरा हुआ था। वे सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने ईमानदारी पूर्वक अपने हर कर्तव्य का निर्वहन किया तथा जन सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया।
उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से स्वयं सक्षम बनें तथा सरकार पर निर्भर न रहे। इसके लिए हर वर्ष पूर्व छात्र मिलन समारोह का आयोजन किया जाये, जिसमें संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्ति शामिल हो तथा अपनी सामथ्र्य अनुसार संस्थान के विस्तार में अपना योगदान दें। ऐसी परम्परा यूरोपीय देशों में प्रचलित है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में हिन्दुस्तान में भी शिक्षा मुफ्त दी जाती थी तथा शिक्षा को बढ़ावा देने में समाज का भी पूरा योगदान था। शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत दीक्षांत समारोह में गुरु को गुरु दक्षिणा दी जाती थी, जिससे वे अपना गुजारा करते थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। सरकार द्वारा सभी 22 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत अब तक 19 जिलों में यह मेडिकल कॉलेज या तो स्थापित हो चुके है या फिर उनकी प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि अन्य 3 जिलों में भी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जायेगी।
रोहतक में वर्ष 1960 में मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश ऐसा पहला प्रदेश है, जहां पर बीपीएल परिवारों की आमदनी को बढ़ाकर उन्हें एपीएल श्रेणी में शामिल करने के लिए प्रयास किये जा रहे है। इन्हीं प्रयासों के तहत प्रदेशभर में मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत मेले आयोजित किये जा रहे है ताकि मेहनती लोग प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाकर समर्थ बन सके और अपने जीवन स्तर पर सुधार कर सके। बॉक्स :-डॉ. मंगल सैन का सादा जीवन सबके लिए प्रेरणा :- प्रोफेसर राजबीर सिंहविश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह ने कहा कि डॉ. मंगल सैन का जीवन सादा जीवन और उच्च विचार का उदाहरण है।
उन्होंने अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए जीवन पर्यंत कार्य किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मंगल सैन के जीवन व विचारों पर आधारित प्रथम पुस्तक राजनैतिक व सामाजिक नायक का पहले ही विमोचन किया जा चुका है तथा आज दूसरी पुस्तक सैद्घांतिक राजनीति के पथिक का विमोचन किया गया है। डॉ. मंगल सैन शोध पीठ द्वारा तीसरी पुस्तक भी लिखी जा रही है। प्रोफेसर राजबीर सिंह ने कहा कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई सौ विश्वविद्यालयों की सूची में हरियाणा प्रदेश में पहले स्थान पर विश्वविद्यालय है। उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय में 2025 तक नई राष्टï्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह लागू कर दिया जायेगा। इस नीति के कुछ प्रावधानों को विश्वविद्यालय में लागू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय शिक्षा व खेलों के क्षेत्र में हमेशा अग्रणी रहा है। गतदिनों टॉक्यो ऑलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले 64 खिलाडिय़ों में से 14 खिलाड़ी महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के खेल मैदान से ही निकले है। विश्वविद्यालय के अनेक खिलाडिय़ों ने अपने प्रदर्शन के आधार पर भीम, अर्जुन व द्रोणाचार्य अवार्ड हासिल किये है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शॉल व स्मृतिचिन्ह भेंट किया। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर को शॉल व स्मृतिचिन्ह भेंट किये गये।
डॉ. मंगल सैन ने जन सेवा को दी प्राथमिकता :- डॉ. अरविंद शर्मारोहतक के लोकसभा सांसद एवं कार्यक्रम के विशिष्टï अतिथि डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि डॉ. मंगल सैन ने हमेशा जनता की सेवा को ही प्राथमिकता दी। सेवा ही संगठन सेवा भाव के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि हमें डॉ. मंगल सैन द्वारा दिखाये गये सेवाभाव के रास्ते का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भी किसान, मजदूर व गरीब के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री हमेशा आम जनता की सेवा में लगे रहते है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से रोहतक शहर को रैपिड मैट्रो के माध्यम से दूसरे चरण में बहादुरगढ़ से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में एक सौ करोड़ से ज्यादा कोविड वैक्सीन तथा प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगभग अढ़ाई करोड़ वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
डॉ. मंगल सैन ने अंत्योदय के लिए किया संघर्ष :- मनीष कुमार ग्रोवरप्रदेश के पूर्व मंत्री तथा समारोह के विशिष्टï अतिथि मनीष कुमार ग्रोवर ने कहा कि डॉ. मंगल सैन ने जीवन पर्यंत लोगों की सेवा की तथा वे 7 बार विधायक चुने गये। उन्होंने राष्टï्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए संघर्ष किया। उन्होंने पंजाब में फैले उग्रवाद के समय का जिक्र करते हुए कहा कि डबवाली में उग्रवादियों द्वारा 15 व्यक्तियों की हत्या की गई थी, जिससे व्यथित होकर डॉ. मंगल सैन ने डबवाली पहुंचकर पीडि़त परिवारों का ढांढस बंधाया था। उन्होंने पार्टी के लिए कार्य करते हुए ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किये जो आज भी अनुकरणीय है। एक बार उन्होंने शहर की एक विधवा महिला की लडक़ी की शादी के लिए पार्टी के लिए एकत्रित किये गये 2500 रुपये को भी दान में दे दिया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा अंत्योदय की भावना के तहत गरीब व्यक्तियों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की गई है ताकि गरीब परिवारों की आमदनी को बढ़ाया जा सके। डॉ. मंगल सैन का सपना था कि देशभर में पार्टी का झंडा लहराये, जो आज पूर्ण हुआ है।
विश्वविद्यालय के कुल सचिव गुलशन तनेजा ने समारोह के अतिथिगण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा डॉ. मंगल सैन शोध पीठ तथा विश्व विद्यालय प्रशासन का समय-समय पर मार्गदर्शन किया जाता है। उन्होंने कहा कि शोध पीठ द्वारा डॉ. मंगल सैन के जीवन से जुड़ी घटना एवं उनके विचार पर शोध किया जा रहा है। डॉ. मंगल सैन शोध पीठ की निदेशक प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि वर्ष 2015 में इस पीठ का गठन किया गया था। डॉ. मंगल सैन की जयंती 27 अक्तूबर तथा पुण्य तिथि 2 दिसंबर को उन्हें हमेशा याद किया जाता है तथा पीठ द्वारा उनके विचारों को युवा पीढी तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। बॉक्स :-स्थानीय बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय परिसर में हेलीपेड पर स्थानीय लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर व मंडलायुक्त पंकज यादव ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वागत किया। जिला प्रशासन के उच्चाधिकारियों में उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, सांपला की उपमंडलाधीश श्वेता सुहाग, मेयर मनमोहन गोयल, शमशेर खरकड़ा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गजेंद्र फौगाट, मीडिया कोर्डिनेटर राजकुमार कपूर, जिला अध्यक्ष अजय बंसल, सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, सतीश नांदल, रमेश भाटिया, रेनू डाबला, सतीश आहूजा, भी मौजूद रहे।
यह रहे उपस्थित :-इस अवसर पर मंडल आयुक्त पंकज यादव, उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार, नगर निगम आयुक्त नरहरि सिंह बांगड़, पुलिस अधीक्षक उदय सिंह मीणा, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल, पीजीआईएमएस की कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना, मेयर मनमोहन गोयल, भाजपा के वरिष्ठï नेता शमशेर खरकड़ा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गजेंद्र फौगाट, मीडिया कोर्डिनेटर राजकुमार कपूर, जिला अध्यक्ष अजय बंसल, सतीश नांदल, विश्वविद्यालय के कुल सचिव गुलशन तनेजा, डॉ. मंगल सैन शोध पीठ की निदेशक प्रोफेसर लवलीन मोहन व सलाहकार सोमनाथ शर्मा, ख्ेाल निदेशक देवेंद्र ढुल, रमेश भाटिया, सीनियर डिप्टी मेयर राजकुमार सहगल, शमशेर खरक, सतीश आहूजा, नरेंद्र खटर, राज शर्मा, रमेश अत्री, अनिल कत्याल, रेनू डाबला, नवीन नैन, धर्मपाल मकड़ोली, कुलविंदर सिंह सिक्का, सुरेश किराड़, मीना अटकाण, विकास पंवार, राधेश्याम ढल, सहित विश्वविद्यालय के फैकल्टी मेम्बर आदि उपस्थित रहे।