Sunday, November 24, 2024
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लुप्त हो रही संस्कृति को संरक्षित कर रहा है अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव

by Newz Dex
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हरियाणवी लोक कला ढेरु गाथा गायन को जीवंत रखने काम कर रहे लोक कलाकार

ब्रहमसरोवर के उत्तरी तट पर ढेरु गाथा गायन ने बांधा समां

शिल्प और सरस मेले के दूसरे दिन पर्यटकों ने की खरीददारी, सेल्फी लेने का युवाओं में बढ़ा क्रेज

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। हरियाणा की लोक कला और संस्कृति की लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी कई विधाओं को संरक्षित करने का काम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कर रहा है। इस महोत्सव में ढेरु गायन गाथा, बाजीगर कला और कच्ची घोड़ी जैसी लोक कलाओं को ब्रहमसरोवर के पावन तट पर देखा जा रहा है। इस महोत्सव से न केवल लोक संस्कृति को जींवत रखने का प्रयास सरकार की तरफ से किया जा रहा है बल्कि लोक कलाकारों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध करवाएं जा रहे है। अहम पहलू यह है कि ब्रहमसरोवर के तट पर जींद के धुआ गांव के जिया लाल ग्रुप के कलाकार हरियाणवी संस्कृति का रंग जमा रहे है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला, हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा कला परिषद और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ-साथ राज्य सरकार की तरफ से हरियाणा ही नहीं विभिन्न प्रदेशों की लोक संस्कृति को संरक्षित करने और कलाकारों को एक मंच मुहैया करवाने का काम अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के जरिए किया जा रहा है।

इस महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों की लोक कला को पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। इन प्रदेशों के उन लोक नृत्यों को कलाकार प्रस्तुत कर रहे है, जो लोक कला लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। लोक कलाकार जिया लाल ने बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया कि हरियाणा प्रदेश में कुछ ही कलाकार ही बचे है जो बीन, तुम्बा, ढोलक, खंजरी बजा कर जोगी नाथ बीन सपेरा परम्परा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि उनके ग्रुप में मिठ्ठïू, सुरेश, बलवान, बेदु, नायब, मनजीत, नरपाल आदि कलाकार है। सभी कलाकार पारम्पकि वेशभूषा से सुसज्जित होकर बीन, तुम्बा, ढोलक, खंजरी बजाकर लोगों का मनोरंजन कर रहे है। यह महोत्सव लोक कलाकारों का एक बड़ा मंच बन चुका है। सरकार द्वारा इस प्रकार के कलाकारों को ओर अधिक प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव जैसे मंच उपलब्ध करवाने चाहिए।

महोत्सव के शिल्प मेले के दूसरे दिन हरियाणा के विभिन्न गांवों के लोक कलाकारों ने ब्रहमसरोवर के उत्तरी तट पर ढेरु गाथा गायन की प्रस्तुती देकर पर्यटकों को झुमने पर मजबुर कर दिया। इन लोक कलाकारों ने ढेरु गाथा गायन के जरिए गुरु गोरख नाथ जी की गाथा, जवाहर गूगा पीर की गाथाओं का गुणगान किया। इन लोक कलाकारों का कहना है कि यह लोक कला विलुप्त करने के कगार पर पहुंच चुकी है। सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से लोक कलाओं को जींवत रखने का प्रयास किया जा रहा है।

शिल्प मेले में पहंचे 45 राष्ट्रीय व राज्य अवार्डी शिल्पकारएनजेडसीसी के अधिकारी महेन्द्र कुमार व राजेश बस्सी ने बताया कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2021 में एनजेडसीसी की तरफ से 390 से ज्यादा शिल्पकार पहुंच चुके है। इन शिल्पकारों में 21 शिल्पकार राष्टï्रीय अवार्डी, 1 राष्टï्रीय प्रमाण पत्र से सम्मानित, 18 स्टेट अवार्डी, 2 संत कबीर अवार्डी, 2 जिला अवार्डी, 1 कला श्री अवार्डी सूरजकुंड शामिल है। इस वर्ष अकेले जम्मू कश्मीर से 8 अवार्डी, 1 स्टेट अवार्डी और 1 संत कबीर अवार्डी शिल्पकार है। इसके अलावा उतरप्रदेश से 9 राष्टï्रीय अवार्डी, 6 स्टेट अवार्डी और 1 कला श्री अवार्ड से सम्मानित है।बाक्सपर्यटक उठाएंगे जिंदवा, सिरमौरी नाटी, हिमाली आदि लोक नृत्यों का लुफ्तएनजेडसीसी के अधिकारी जरनैल सिंह का कहना है कि एनजेडसीसी की तरफ से 8 दिसम्बर तक पंजाब का जिंदवा, हिमाचल का सिरमौरी नाटी, जम्मू कश्मीर का हिमाली, उतराखंड का छपेली और राजस्थान का चेरी घूम्मर पर्यटकों का मनोरंजन करेगा और 14 दिसम्बर के बाद कई और राज्यों के कलाकार महोत्सव में पहुंच जाएंगे। इसके अलावा महोत्सव में पंजाब से बाजीगर, राजस्थान से बहरुपिए और कच्ची घोड़ी के कलाकारों ने लोगों का मनोरंजन करना शुरु कर दिया है।

पर्यटकों ने खुब की खरीददारीशिल्प और सरस मेले में पर्यटकों ने सोमवार को जमकर खरीददारी की है। एक तरफ जहां पर्यटक ब्रहमसरोवर के तट पर खिली धुप में विभिन्न प्रदेशों के व्यंजनों का स्वाद चख रहे थे, वहीं अलग-अलग स्टालों पर जाकर खरीददारी भी कर रहे थे। इतना ही नहीं युवा वर्ग मेले में सेल्फी लेकर अपने आपको आनंदित महसुस कर रहे है।

बच्चों को मिलाने का काम कर रहा हैं सूचना केन्द्रअंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2021 में ब्रहमसरोवर के मुख्य द्वार पर जिला सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की तरफ से सूचना केन्द्र स्थापित किया गया हैं। इस सूचना केन्द्र के माध्यम से बिछड़ों को मिलाने का काम कर रहा हैं। डीआईपीआरओ डा. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस सूचना केन्द्र से पल-पल की सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ-साथ महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को पल-पल की जानकारी दी जा रही है। इस सूचना केन्द्र पर बरखा राम, कृष्ण कुमार, मनोज कुमार, राजकुमार शर्मा सहित अन्य कर्मचारी महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को विभिन्न सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे है।

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