न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। इस बार कि गीता जयंती महोत्सव में हरियाणा पवेलियन का रंग कुछ अलग ही नजर आएगा। कला एवं सांस्कृतिक विभाग हरियाणा की निदेशिका प्रतिमा चौधरी बताती है कि इस बार पवेलियन में सांझी प्रतियोगिता के इलावा अनेकों लोक प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। पहली बार हरियाणा पवेलियन में अपना गांव स्थापित किया जाएगा जिसमें हरियाणा के गांव की झांकियां स्थापित की जाएंगी जहां पर लोग खुद को अपने गांव में महसूस कर सकेंगे। अपना गांव में पुरानी छप्पर वाली झोपड़ी के इलावा ग्रामीण जीवन के दर्शन कराए जाएंगे।
निदेशिका प्रतिमा चौधरी ने कहा कि इस बार पवेलियन में रोज कुश्ती प्रतियोगिताएं होंगी जिसमें हर वर्ग के बच्चे बूढ़े महिलाएं पुरानी मिट्टी के अखाड़े में कुश्ती प्रतियोगिता में भाग ले सकते है। प्रतिदिन होने वाली कुश्तियों में विजेताओं के नाम मीडिया में प्रकाशित कराए जाएंगे तथा उन्हें मेडल देकर प्रोत्साहित किया जाएगा। हरियाणवी पवैलियन में हरियाणवी बिंदरबाल,इंडी,गोपिया,चुंडा,गुडिय़ा,पटोले व ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाई जाने वाली घर की कलाकृतियों को भी जगह दी गई है। पेवेलियन में बड़ के पेड़ पर पींघ डालकर तीज का माहौल भी बनाया जाएगा। महिलाएं व कलाकार यहां पर लोगों को झूले भी झूलाएंगे।
इसके अलावा लोगों को यहां लोक व्यंजन खाने को मिलेंगे जिसमें गुलगुले, सुहाली, जलेबी समेत अनेकों लोक व्यंजन रहेंगे। हरियाणा पवेलियन समेत अनेकों सांस्कृतिक कार्यक्रम व कला के कोने स्थापित करने के लिए कला परिषद के निदेशक संजय भसीन, अतिरिक्त निदेशक गजेंद्र फोगाट, महावीर गुड्डू, नगेंद्र शर्मा के साथ-साथ कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के कला अधिकारी व कर्मचारी भी जुड़े हुए है।