गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली इत्यादि प्रदेशों से आई हजारों महिलाओं ने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों का प्रचार करने का लिया संकल्प
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द के नेतृत्व में हजारों महिलाओं ने पवित्र ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा की
जीओ गीता संस्थान की तरफ से आयोजित हुआ कार्यक्रम
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2021 के पावन पर्व पर ब्रह्मसरोवर के तट पर गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित निकटवर्ती राज्यों की हजारों से ज्यादा महिलाओं ने पवित्र ग्रंथ गीता को जन-जन की गीता बनाने का संकल्प लिया। इन महिलाओं ने संकल्प लेने के साथ-साथ पवित्र ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा को भी पूरा किया। अहम पहलू यह है कि जीओ गीता की तरफ से और गीता ज्ञान संस्थानम के सौजन्य से हजारों महिलाओं ने गीता जयंती के पावन पर्व पर यह संकल्प लेकर महोत्सव में एक नया अध्याय जोडऩे का काम किया है। गीता महोत्सव 2021 के एतिहासिक लम्हों को हमेशा यादगार बनाने के लिये जीओ गीता श्री कृष्ण कृपा समिति और गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र की तरफ से पवित्र ग्रंथ गीता को जन-जन तक पंहुचाने के उद्देश्य से देश की मातृ शक्ति को ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर एकत्रित करने का गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द द्वारा आह्वान किया था।
इस आह्वान के बाद गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित प्रदेश के नगरों व उपनगरों से शुक्रवार को हजारों से ज्यादा महिलाएं एकत्रित हुई। इन सभी महिलाओं ने पीले वस्त्र धारण किये हुए थे और एकसाथ हजारों महिलाओं के पीलें वस्त्रों से ब्रह्मïसरोवर का वातावरण भी चारों तरफ से स्वर्णीय नजर आने लगा था। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द ने सानिध्य में मातृ शक्ति ने भीम घाट से परिक्रमा को शुरू किया। इन महिलाओं के आगे भगवान ठाकुर जी व पवित्र ग्रंथ गीता की पालकी थी। सभी ने पवित्र ग्रंथ गीता और ठाकुरजी की पूजा-अर्चना करने के बाद परिक्रमा को शुरू किया था। सभी महिलाओं ने पूरे ब्रह्मïसरोवर की परिक्रमा को पूरा किया और पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को जन-जन तक पंहुचाने का संकल्प भी लिया।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जीओ गीता की तरफ से और गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र के सौजन्य से मातृ शक्ति ने अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के पावन अवसर पर ब्रह्मïसरोवर की परिक्रमा करके संकल्प लिया कि पवित्र ग्रंथ गीता को पढेंग़े, पढ़ायेंगें और जन-जन की गीता बनायेंगे, जेल में भी गीता, खेल में भी गीता जैसे संकल्पों के साथ जीओ के संग, सीखो जीवन का ढंग जैसे संकल्पों को भी मातृ शक्ति ने दोहराया। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति प्रदेश के सभी नगरों, उपनगरों और निकटवर्ती राज्यों से भी यहां पंहुचीं हैं। पत्रकारों के प्रश्न का उत्तर देते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द ने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने अंतिम सांस तक गीता को पढ़ा और पूर्व राष्टï्रपति अब्दुल कलाम ने भी पवित्र ग्रंथ गीता को विश्व शांति और सद्भावना का ग्रंथ बताया। स्वामी ज्ञानानन्द ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक संस्कारों और मानवता की मुस्कान है।