Monday, November 25, 2024
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गीता जयंती समारोह-2021 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन का अठारह दिवसीय महायज्ञ ज्योतिसर में संपन्न

by Newz Dex
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मातृभूमि सेवा मिशन की ओर से गीता जयंती के अवसर पर श्रीमद्भगवद्गीता जन्मस्थली ज्योतिसर के सफाई कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर स्वच्छता प्रहरी सम्मान प्रदान किया गया

मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आगामी गीता जयंती 03 दिसम्बर 2022 तक गीता जन्मस्थली, ज्योतिसर में प्रतिदिन होगा दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ


न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र।श्रीमद्भगवद्गीता मंगलमय जीवन का ग्रंथ है। श्रीमद्भगवद्गीता मरना सिखाती है एवं जीवन को सफल बनाने का मंत्र प्रदान करती है। श्रीमद्भगवद्गीता केवल धर्म ग्रंथ ही नहीं यह एक अनुपम जीवन ग्रंथ है। मानव जीवन उत्थान के लिए इसका स्वाध्याय हर व्यक्ति को करना चाहिए। श्रीमद्भगवद्गीता एक दिव्य ग्रंथ है। श्रीमद्भगवद्गीता मानव को पलायन से पुरुषार्थ की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है। यह विचार श्रीमद्भगवद्गीता जयंती के अवसर पर श्रीमद्भगवद्गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में मातृभूमि सेवा मिशन के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2021 के उपलक्ष्य में आयोजित अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ के पूर्णाहुति कार्यक्रम में मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमद्भगवद्गीता एवं पावन ज्योतिसर तीर्थ के वैदिक विधि विधान द्वारा पूजन से हुआ। वैदिक ब्रह्मचारियों द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों से वैदिक यज्ञ में आहुति डालते हुए सर्वमंगल की प्रार्थना की गई। 

डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशों को आत्मसात और अनुसरण करने पर समस्त कठिनाईयों और शंकाओं का निवारण होता है। श्रीमद्भगवद्गीता के अध्ययन से जीवन में सफलता प्राप्ति की जा सकती है। श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेशों पर चलने से व्यक्ति को कठिन से कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है। श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश में जीवन को जीने की कला, प्रबंधन और कर्म सब कुछ है। कर्म की प्रधानता का बोध कराने वाला योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों का सार महाग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता मानव सभ्यता के लिए एक अनुपम उपहार है। श्रीमद्भगवद्गीता में निष्काम भाव से धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। श्रीमद्भगवद्गीता मनुष्य को एक नई शक्ति ऊर्जा और ईश्वर का साक्षात कराने वाला ग्रंथ है। 

डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता के प्रत्येक श्लोक में ज्ञान का अनूठा प्रकाश है। मानव जीवन की इस उत्कृष्टतम आचार संहिता की विशिष्टता यह है कि शांति का यह संदेश युद्ध की भूमि से दिया गया है। श्रीमद्भगवद्गीता को मानवीय प्रबंधन के अद्भुत ग्रंथ की वैश्विक मान्यता हासिल है। श्रीमद्भगवद्गीता साधारण कर्मवाद को कर्मयोग में परिवर्तित करने के लिए तीन साधनों पर बल देती है। 
मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता जयंती के पावन अवसर पर ज्योतिसर तीर्थ की स्वच्छता करने वाले दर्शन, राकेश, जयपाल, केशा, दलबिन्द्र, शाली, राजपाल, मिन्द्र, राजबीर, जगरूप, मनजीत एवं तरसेम सभी सफाई कर्मचारियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं सम्मान राशि प्रदान कर मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने स्वच्छता प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया।

मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने गीता जयंती के पावन पर्व पर श्रीमद्भगवद्गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में घोषणा की कि आगामी श्रीमद्भगवद्गीता जयंती 03 दिसम्बर 2022 तक श्रीमद्भगवद्गीता जन्मस्थली ज्योतिसर में प्रतिदिन दैनिक गीता ज्ञान यज्ञ होगा, जिसमें राष्ट्रमंगल, लोककल्याण एवं सर्वमंगल कामना के लिए श्रीमद्भगवद्गीता के एक अध्याय के श्लोकों की आहुति डाली जाएगी।  मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा गीता जयंती के अवसर पर गीता कुन्ज की परमाध्यक्ष स्वामी मुक्तानंद एवं न्यायाधीश सुश्री नीलिमा सांगला एवं कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक को सनातन वैदिक धर्म के लिए सदैव समर्पित रहने के लिए डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने सम्मानित किया। विश्व मंगल महायज्ञ के पूर्णाहुति कार्यक्रम में हरियाणा के अनेक जनपदों से भारत के अनेक प्रांतों एवं देश-विदेश से गीता प्रेमी एवं कृष्ण भक्त उपस्थित रहे।

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