Friday, November 22, 2024
Home haryana गीता शोध पर आधारित एमओयू मजबूत भविष्य की बातः स्वामी ज्ञानानंद महाराज

गीता शोध पर आधारित एमओयू मजबूत भविष्य की बातः स्वामी ज्ञानानंद महाराज

by Newz Dex
0 comment

एमओयू का उद्देश्य श्रीमद्भगवद् गीता के विद्वानों और गीता में रुचि रखने वालों के लिए एक मंच प्रदान करनाः प्रो. सोमनाथ सचदेवा

कुवि के श्रीमद्भागवत गीता अध्ययन केंद्र व गीता ज्ञान संस्थानम् के बीच गीता पर शोध को लेकर हुआ एमओयू

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की उपस्थिति में शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमद्भागवत गीता अध्ययन केंद्र, और गीता ज्ञान संस्थानम, कुरुक्षेत्र के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, फैकल्टी ऑफ इंडिक स्टडीज की डीन प्रो. शुचिस्मिता और श्रीमद भगवद गीता अध्ययन केंद्र के प्रभारी प्रो. आर.के.देसवाल ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए तथा गीता ज्ञान संस्थानम् की ओर से संस्थान के अध्यक्ष गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज और मदन मोहन छाबड़ा, संयुक्त सचिव, जीआईओ गीता ने हस्ताक्षर किए। 

इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि गीता ग्रंथ मे हर समस्या का समाधान है। गीता का संदेश पूरी दुनिया में विख्यात है इसलिए तो भारत को विश्वगुरु जाना जाता रहा है। हमारी संस्कृति में समाहित आदर्श और संस्कार हमारी भावी पीढ़ी को भी पौराणिक दृष्टि से हर कदम पर कुछ नया देते हैं। गीता के आध्यात्मिक और पौराणिक सार जहां एक ओर हमारी संस्कृति को परिभाषित और प्रदर्शित करते हैं वहीं दूसरी और सामाजिक और नैतिक मूल्यों को सहेजते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। हमें गीता के श्लोकों को अंगीकृत करते हुए जीवन में अनुकरणीय बदलाव लाने की जरूरत है। हरियाणा सरकार द्वारा गीता के श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। विद्यार्थियों के लिए गीता बहुत उपयोगी है इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर यह एमओयू किया गया है ताकि गीता का ज्ञान सभी विद्यार्थियों को मिल सके। यह समय आने वाले समय की प्रेरणा बनेगा और यह गीता शोध पर आधारित एमओयू मजबूत भविष्य की बात होगी।

इस मौके पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बोलते हुए कहा कि इस समझौते का उद्देश्य विविध क्षेत्रों से श्रीमद्भगवद् गीता के विद्वानों और गीता में रूचि रखने वालों के लिए एक मंच प्रदान करना। भारत के भीतर और बाहर व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशालाएं, सम्मेलन और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना, आपसी लाभ के लिए शैक्षणिक संसाधन साझा करना, सरकारी, निजी तथा व्यक्तिगत रिसर्च प्रोजेक्ट में सक्रिय रूप से भागीदारी करना, आम जनता के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों, प्रतियोगिताओं को बढ़ावा और सुविधा प्रदान करना है।  कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी ने गीता शोध पर आधारित इस एमओयू के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह से यह शोध दोनों संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होगा व इससे क्या-क्या शैक्षणिक व सामाजिक लाभ होंगे।

केन्द्र के प्रभारी प्रो. आरके देसवाल ने बताया कि दोनों ओर से गतिविधियों के समन्वय के लिए दोनों पार्टी अपने स्टाफ के रूप में एक सदस्य को नोडल अधिकारी के रूप में नामित करेगी तथा यह  समझौता ज्ञापन तीन साल की अवधि के लिए किया गया और आपसी सहमति से इसे नवीनीकृत किया जा सकता है। इस मौके पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी, डीन इंडिक स्टडीज प्रो. शुचिस्मिता, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, केडीबी मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. रामचन्द्र, केडीबी सदस्य विजय नरूला, कुलपति के ओएसडी पवन रोहिल्ला, आनंद  आदि मौजूद थे।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00