न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,13 सितंबर। राजभाषा की विकास यात्रा पर निर्मित 5 चुनिंदा वृत्तचित्रों का, 14 सितंबर-2020 को, 24 घंटे के लिये नि: शुल्क ऑनलाइन प्रदर्शन किया जाएगा। फिल्म प्रभाग द्वारा हिंदी दिवस -2020 के अवसर पर, हिंदी को भारत के संघ की राजभाषा के रूप में 14 सितंबर-1949 को स्वीकृति मिलने के ऐतिहासिक अवसर से संबंधित तथा राजभाषा की विकास यात्रा पर निर्मित 5 चुनिंदा वृत्तचित्रों का, 14 सितंबर-2020 को, 24 घंटे के लिये नि: शुल्क ऑनलाइन प्रदर्शन किया जाएगा। इन वृत्तचित्रों में बच्चों द्वारा संविधान सभा की बैठक का गठन, कार्रवाई तथा विभिन्न राज्यों में हिंदी की लोकप्रियता और विकास को दर्शाया गया हैl
फिल्मों के दृश्य-अवलोकन हेतु, कृपया www.filmsdivision.org पर लॉग ऑन करें और ” डॉक्यूमेंट्री ऑफ़ द वीक” पर क्लिक करें, या फिर YouTube चैनल https://www.youtube.com/user/FilmsDivision पर क्लिक करें। सभार पीआईबी
प्रसिद्ध हिंदी विद्वान एवं लेखक व्योहार राजेंद्र सिंह के अग्रणी प्रयासों तथा हिंदी के अन्य विद्वानों, हजारी प्रसाद द्विवेदी, मैथिली शरण गुप्त एवं काका कालेलकर के अथक प्रयासों से सिंहजी के 50 वें जन्मदिन पर 14 सितंबर-1949 को, हिंदी को भारत के संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकृति मिली तथा 26 जनवरी,1950 को भारतीय संविधान द्वारा अनुच्छेद 343 के तहत देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को राजभाषा की मान्यता दी गई । आज हिंदी दुनिया में बोली जानेवाली व्यापक भाषाओं में से एक है तथा 52 करोड़ से अधिक लोगों की पहली भाषा है।
इस ऑनलाइन फिल्मोत्सव में दिखायी जाने वाली फिल्में हैं , “संविधान के साक्षी (44मि./ रंगीन/ हिंदी/ 1992)”, जो भारत के राजभाषा के रूप में हिंदी को अपनाने के निर्णय और संविधान सभा की बैठक के रोचक पहलुओं का वर्णन करता है। “14 सितंबर 1949 (17मि./ रंगीन/ हिंदी/1991)”, बच्चों द्वारा संविधान सभा की एक व्यवस्था के अन्तर्गत हिन्दी को राजभाषा के रूप में अपनाने की ऐतिहासिक घटना का पुनः सृजन करता है। “भारत की वाणी (52मि./रंगीन/हिंदी/1990)”, राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी को अपनाने की घटना एवं विभिन्न राज्यों के यात्रा वृतांत के माध्यम से हिंदी के महत्व को बतलाता है । “हमारी भाषा (4मि./ रंगीन/ हिंदी/ 2011)”, हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में, देश की एकता और एकजुट को दर्शाती है। “हिंदी की विकास यात्रा (10मि./ रंगीन/ हिंदी/ 2000)”, भारत में हिंदी की विकास और स्थिति पर आधारित एक फिल्म है।