न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की बैठक विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में संपन्न हुई, जिसमें बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य एवं विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह सहित कार्यकारिणी एवं जनरल बॉडी के सदस्यों सहित कुल 19 व्यक्ति उपस्थित रहे। बैठक में अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2022 के अवसर पर 3 से 5 फरवरी को विभिन्न स्थानों पर भव्य आयोजन करने पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में धुम्मन सिंह किरमच ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव मुख्य रूप से पांच राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान एवं उत्तराखण्ड में मनाया जाएगा। इन पांच राज्यों से सरस्वती नदी गुजरती थी।
इनमें से हरियाणा में 3 फरवरी को आदिबद्री में कार्यक्रम, 4 फरवरी को पंजाब यूनिवर्सिटी में सेमीनार एवं 5 फरवरी को पिहोवा में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। पिहोवा में तीन दिवसीय सरस मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें शिल्पियों को अपने सामान विक्रय हेतु स्थान दिया जाना है। इसी प्रकार आदिबद्री में भी तीन दिवसीय सरस मेले की योजना है। इतना ही नहीं, सरस्वती नदी जिन गांवों से होकर गुजरती है, ऐसे 226 गांवों की सरस्वती महोत्सव में प्रतिभागिता रहे, इस उद्देश्य से वहां भी कार्यक्रम आयोजित किए जाए जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम सरकारी कार्यक्रम न रह जाएं, इसलिए इन्हें आमजन के सहयोग से आमजन के लिए आयोजित करवाया जाएगा।
संपूर्ण कार्यक्रम को किस प्रकार भव्य बनाया जाए एवं आमजन को सरस्वती नदी को जानने का अवसर मिले, इस हेतु सभी सदस्यों ने बहुमूल्य सुझाव दिए। बोर्ड के सदस्य एवं संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने विद्या भारती में आए सभी सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा विगत अनेक वर्षों से सरस्वती नदी पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों एवं सेमिनार का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि संस्कृति शिक्षा संस्थान में सरस्वती संग्रहालय भी विकसित है, जिसका लोकार्पण 30 जुलाई 2011 को किया गया। विलुप्त हुई सरस्वती नदी जिसकी खोज में देशभर में प्रयास हो रहे हैं, उससे सम्बन्ध्ति अमूल्य निधि को विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान ने सरस्वती संग्रहालय में संजोकर व्यवस्थित किया हुआ है।
सरस्वती नदी उत्खनन से जो मूर्तियां व मिट्टी मिली हैं उन्हें सुरक्षित ढंग से सरस्वती संग्रहालय में सम्भाला गया है। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड व हरियाणा सरकार ने इस प्रयास को देखकर 18 से 22 जनवरी 2018 को आयोजित किए गए अन्तर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2018 में विद्या भारती को महाजलाभिषेक हेतु चयनित किया। जिस पर निष्ठापूर्वक विद्या भारती ने कार्य किया और देशभर से 421 नदियों का जल मंगाकर सरस्वती नदी में महाजलाभिषेक करवाया। यह जल सरस्वती संग्रहालय में सुरक्षित है जोकि आगंतुकों में सरस्वती नदी के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न करता है। उन्होंने बताया कि सरस्वती नदी की आमजन को जानकारी मिले, इस उद्देश्य से विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान में समय-समय पर सरस्वती नदी पर गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाता है।