Monday, November 25, 2024
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गाय के बिना भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता एवं आत्मनिर्भरता की कल्पना तक नहीं की जा सकती-डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। ​गाय भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। प्राचीन काल से हमारे देश का संपूर्ण राष्ट्रजीवन गाय पर आश्रित है। गौमाता सुखी होने से राष्ट्र सुखी होगा और गौ माता दुखी होने से राष्ट्र असंतुलित होगा। अधिक से अधिक गौसेवा एवं गौपालन आज वर्तमान भारत की आवश्यकता है। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने ग्वालियर के मुरार में पुष्टमार्गीय वल्लभ सेवा केंद्र द्वारा संचालित गिरधर गोपाल गौशाला के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र, कार्यक्रम के अध्यक्ष ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के यशस्वी सांसद विवेक जी सेजवलकर, अतिविशिष्ट अतिथि नगर निगम ग्वालियर के उपायुक्त अतिबल सिंह यादव एवं गौशाला के अध्यक्ष ग्वालदास अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कन्या पूजन एवं गौपूजन से किया।

डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि गाय को आज व्यावहारिक उपयोगिता के पैमाने पर मापा जा रहा है, किंतु यह ध्यान रखना आवश्यक है कि आधुनिक विज्ञान की सीमाएं हैं। आज का विज्ञान गाय की सूक्ष्म व परमोत्कृष्ट उपयोगिता के विषय में सोच भी नहीं सकता। भारतीय साधु, संत तथा मनीषियों को अपनी साधना के बल पर गाय की इन सूक्ष्म उपयोगिताओं के बारे में ज्ञान प्राप्त किया था। इसलिए ही उन्होंने गाय को गौमाता कहा था। भारतीय ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का आधार गाय ही है। गाय के बिना भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सुदृढ़ता एवं आत्मनिर्भरता की कल्पना तक नहीं की जा सकती। डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने द्वैताद्वैत परंपरा के प्रवर्तक संत वल्लभाचार्य द्वारा 14वीं एवं 15वीं शताब्दी में समाज सुधार एवं उनके द्वारा किए गए गौ संरक्षण के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन किया। डॉ. मिश्र ने कहा कि आज वर्तमान भारत में संत वल्लभाचार्य की शिक्षाएं बहुत ही प्रासंगिक हैं। गौ संवर्धन एवं गौ पालन से आज भारत की बेरोजगारी, भूखमरी जैसी ज्वलंत समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र के सांसद माननीय विवेक जी सेजवलकर ने कहा कि विष्णु स्मृति में गायों पर काफी कुछ लिखा गया है गाय पवित्र व मंगलमय हैं उनमें समस्त लोक का कल्याण है। गायों से यज्ञ सफल होते हैं। उनकी सेवा से पाप नष्ट होते हैं व संपदा बढ़ती है। मुगल शासक बाबर ने भी गायों की रक्षा के मामले में अपने पुत्र युवराज हुमायूं को विशेष संदेश, उपदेश दिया था जिसे बादशाह अकबर ने भी अपने लम्बे 50 साल के शासन में लागू भी कराया। कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि नगर निगम ग्वालियर के उपायुक्त अतिबल सिंह यादव ने कहा कि भारतीय शास्त्रें में गौ महात्म्य के विषय में अनेक कथाएं मिलती हैं। गाय का सांस्कृतिक व आर्थिक महत्व है। कार्यक्रम में देवेंद्र शर्मा, दिनेश छारी एवम श्रीमती मधु अग्रवाल ने बतौर विशिष्ट अतिथि उद्बोधन दिया।

कार्यक्रम का संचालन इंडियन चौंबर्स ऑफ फार्मर्स के राष्ट्रीय सचिव श्री अशोक शर्मा ने किया। आभार ज्ञापन गौशाला के प्रधान ग्वालदास अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में रामनारायण दुबे, नरेन्द्र शर्मा, अनिल श्रीवास्तव, सियाराम उपाध्याय, मधु अग्रवाल, आशीष गोयल, अतुल शर्मा, मुन्ना देवी शर्मा, अन्शु शर्मा, रेनू शर्मा, आयुषी शर्मा, हरीश, शर्मा, डॉ. बी.पी.एस. चौहान, दिवाकर शर्मा, एडवोकेट धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव सहित विभिन्न सामाजिक धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे। गौशाला के सचिव बृज किशोर सिंघल, प्रबंधक आशीष गोयल एवं उपाध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा ने संयुक्त रूप से मुख्य अतिथि डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष सांसद विवेक सेजवलकर की को स्मृति चिन्ह एवम अंगवत्र देकर सम्मानित किया।

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